पति ने अपनी पत्नी के सामने ही साली संग रचाई शादी, बीवी ने खुद कराई रस्में, जानिए पूरा मामला

दुनिया भर से ऐसे कई मामले सामने निकल कर आ ही जाते हैं, जो काफी हैरान कर देने वाले होते हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश से एक मामला निकल कर सामने आया है, जो बेहद चौंकाने वाला है। दरअसल, यहां पर कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जहां पर शादी के मंडप में पति बैठा था और वह अपनी साली से शादी करने का इंतजार कर रहा था और सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि पति ने अपनी बीवी के सामने ही साली संग सात फेरे के लिए।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक महत्वकांक्षी योजना है। अब इसी योजना के तहत एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यूपी के महाराजगंज जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जहां पर योजना का लाभ लेने के लिए एक व्यक्ति में अपनी ही साली से शादी कर ली और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पत्नी ने कुछ भी नहीं कहा।
हैरत की बात यह है कि इस दौरान पत्नी भी वहां मौजूद थीं और हितग्राहियों की लिस्ट तैयार करने वाले समाज कल्याण विभाग ने भी उसके रजिस्ट्रेशन पर बकायदा मुहर लगा दी। जब शादी हो गई तो इसका खुलासा हुआ, जिसके बाद जांच की बात की जाने लगी। इस पूरे मामले में ससुराल और मायका पक्ष भी चुप्पी साधे बैठा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि 13 सितंबर को जिला मुख्यालय के महालक्ष्मी लॉन में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की मौजूदगी में शादी के बंधन में बंधने वाले 233 जोड़ों ने कुछ ऐसे हैं, जो पहले से ही शादीशुदा हैं। इनमें से तो कई जोड़े ऐसे हैं जिनके पहले ही बच्चे हैं और यह सिर्फ इसलिए हुआ ताकि सरकारी अनुदान का लाभ प्राप्त कर पाएं।
कई जोड़े अपनी शादीशुदा रिश्ते को छुपाकर व अफसरों की मिलीभगत से शादी स्थल पर आकर बैठ गए और उन्होंने प्रशासन से नेग भी ले लिया। लेकिन अब जब मामला संज्ञान में आया तो उसके बाद अधिकारी और सामूहिक विवाह योजना की पात्रता की जांच पड़ताल करने वाले कर्मियों के भी होश उड़ चुके हैं।
धर्म व रीति-रिवाज से कराई गई थी सामूहिक शादी
13 सितंबर को शासन के निर्देश पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन जिला मुख्यालय के महालक्ष्मी लॉन में किया गया। लॉन को भव्य तरीके से सजाया गया और शादी में 233 जोड़ों का पंजीकरण व सत्यापन करने के पश्चात उनके धर्म और रीति-रिवाजों के अनुसार सामूहिक विवाह करवाया गया था। वहीं वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए कार्यक्रम स्थल पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, जिला अधिकारी डॉ उज्जवल कुमार, सीडीओ गौरव सिंह सोगरवाल समेत कई जनप्रतिनिधि आए थे। शादी के पश्चात वर-वधु को निर्धारित अनुदान और उपहार भेंट किया गया था।
सच्चाई सामने आने पर मचा हड़कंप
जब इसी बीच सामूहिक शादी में शामिल एक जोड़े की फर्जी शादी की सच्चाई सामने आई तो हड़कंप मच गया। ऐसा बताया जा रहा है कि कोल्हुई थाना क्षेत्र के बड़िहारी निवासी अमरनाथ चौधरी पुत्र रामनाथ चौधरी ने अपनी शादीशुदा साली से सरकारी अनुदान के लिए सात फेरे लिए। वह खुद भी शादीशुदा है और वह बच्चों का पिता भी है और सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकारी अनुदान के लिए इस फर्जी शादी में दूल्हे की पत्नी भी मौजूद थी। सरकारी अनुदान के लालच में उसने अपनी बहन से ही अपने पति की सामूहिक विवाह योजना में शादी करा दी।