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पोते के साथ खेलते हुए प्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज का निधन, 83 की उम्र में ली अंतिम सांस

कथक सम्राट नर्तक पंडित बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार की रात अंतिम सांस ली। पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज के निधन की खबर उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी।

जैसे ही बॉलीवुड और फैंस को बिरजू महाराज के निधन की खबर मिली तो संगीत प्रेमियों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। कहा जा रहा है कि बिरजू महाराज कल देर रात अपने पोते के साथ खेल रहे थे, लेकिन इसी बीच उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें तुरंत दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

pandit birju maharaj

रिपोर्ट की माने तो पंडित बिरजू महाराज के परिवार के मुताबिक कुछ दिन पहले ही उन्हें गुर्दे की बीमारी की शिकायत हुई थी जिसका लगातार इलाज चल रहा था।

बिरजू महाराज की प्रपोत्री रागनी महाराज ने कहा कि, “बिरजू महाराज का एक माह से इलाज चल चल रहा था। वह बीती रात करीब 12.15 से 12: 30 बजे के बीच अचानक अचेत हो गए। हम उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्हें गैजेट्स से भी काफी लगाव था। वे उन्हें तुरंत खरीदना चाहते थे। वे कहा करते थे कि वे नर्तक नहीं बनते तो मैकेनिक बनते। उनका सदैव मुस्कुराता चेहरा हमेशा मेरी आंखों के सामने रहेगा।”

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बता दें कि, पंडित बिरजू महाराज को साल 1983 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था इसके अलावा उन्हें संगीत के क्षेत्र में कई अवार्ड मिल चुके थे जिनमें नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान जैसे भी अवार्ड शामिल थे। वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने पंडित बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।

बिरजू महाराज ने अपने करियर में कई फिल्मों में कत्थक नृत्य का योगदान दिया है जिनमें ‘देवदास’, ‘उमराव जान’, ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘डेढ़ इश्कियां’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में शामिल है। इसके अलावा उन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में भी संगीत का योगदान दिया। वहीं फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के सुपरहिट गाने ‘मोहे रंग दो लाल’ के लिए बिरजू महाराज को फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

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बता दें, बिरजू महाराज के निधन के बाद गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी समेत कई दिग्गज कलाकारों ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गायक मालिनी अवस्थी ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि, “आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कथक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नहीं रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।”

इसके अलावा मशहूर गायक अदनान सामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा कि, “महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।”

बता दें, 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में जन्मे बिरजू महाराज का असली नाम पंडित बृज मोहन मिश्र था। उनके पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभू महाराज और भी उनके घर से कई सदस्य मशहूर कथक नर्तक थे जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपना योगदान दिया। रिपोर्ट की माने तो बिरजू महराज का अंतिम संस्कार दिल्ली में लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा।

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