दिवाली से पहले निजी कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफ़ा, केंद्र ने दी यह ख़ास सुविधा
नई दिल्ली : दिवाली से ठीक पहले केंद्र सरकार ने निजी कर्मचारियों यानी कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है. केंद्र ने बीते दिनों लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को कुछ सुविधा प्रदान की थी जो कि एलटीसी (LTC) के अंतर्गत थी, वहीं अब केंद्र सरकार ने इन सुविधाओं को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी देने का बड़ा और महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है.
इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा जारी किए गए बयान में बताया गया है कि, एलटीसी कैश वाउचर स्कीम (LTC Cash Voucher Scheme) का लाभ अब निजी कंपनियों और तमाम राज्य सरकारों के कर्मचारी भी उठा सकेंगे. वित्त मंत्रालय ने साथ ही कहा कि, पहले यह सुविधा केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक ही सीमित थी, हालांकि इसका लाभ अब केंद्र-निजी दोनों ही कर्मचारियों को मिलेगा. इस सुविधा के तहत अब निजी सेक्टर के कर्मचारियों को भी मान्य एलटीसी फेयर के आयकर में छूट मिलेगी. बता दें कि निजी कर्मचारियों को अधिकतम 36 हजार रुपये इनकम टैक्स में छूट प्रदान करने का निर्णय मोदी सरकार ने लिया है.
निजी-सरकारी कर्मचारियों को रखना होगा इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान…
– LTC के अंतर्गत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी इस सुविधा का लाभ 4 साल के भीतर महज 2 बार ही उठा सकेंगे. वहीं सरकारी कर्मचारियों भी ठीक यहीं नियम लागू होता है
– सरकारी कर्मचारियों के लिए यह फायदेमंद साबित होगा कि उन्हें LTC पर टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा.
– कर्मचारी इन सुविधाओं का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें इस दौरान GST का बिल भी पेश करना होगा.
– किसी भी प्रकार की खरीदारी के लिए समय-सीमा बहुत महत्वपूर्ण है, बेहतर होगा कि 31 मार्च 2021 से पहले खरीदारी कर लें.
– यदि कर्मचारी इस सुविधा का लाभ नहीं उठाते हैं तो उन्हें कंपनी टैक्स कटौती के बाद बकाया राशि का भुगतान कर देगी.
– सरकार ने कर्मचारियों को यह सुविधा जरूर प्रदान की है, हालांकि पहले आपको इस बात के बारे में भी जान लेना चाहिए कि जब आप इस नई योजना के अंतर्गत लीव इनकैशमेंट और LTC से तीन गुना ज्यादा खर्च करने में सक्षम होंगे उस स्थिति में ही आपको कर (टैक्स) में छूट प्रदान की जाएगी.
– साथ ही यह भी जान लें कि LTC से मिले पैसों से 3 गुनी कीमत का सामान खरीदना भी आपके लिए न केवल आवश्यक बल्कि अनिवार्य होगा और उस पर GST की दर 12 फीसदी से अधिक होनी चाहिए.