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कभी फुटपाथ पर बेचते थे कैलकुलेटर, आज युवाओं को बना रहे हैं IAS, जानिए द्विव्यकीर्ति सर की कहानी

सेल्समैन की नौकरी से लेकर जूनियर से शादी तक, नौवीं हो चुके हैं फेल, जानिए विकास द्विव्यकीर्ति सर के जीवन के अनछुए पहलु

UPSC की परिक्षा पास करने वाला एक आईएएस या आईपीएस लाखों युवाओं को प्रेरणा देता है, जिसकी कहानियां सालों सिविल परिक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सुनाई जाती है। पर यहां हम बात किसी IAS या IPS की नहीं कर रहे हैं बल्कि ऐसे कई आईएएस या आईपीएस के असल प्रेरणास्त्रोत रहे शख्स की कर रहे हैं। जो आज युवाओं को यूपीएससी की ऐसी घुट्टी पिलाता है कि छात्र उसके कोचिंग सेंटर से या तो अफसर बनकर निकलते हैं या जीवन का जरूरी सबक लेकर।

जी हां, हम बात कर रहे हैं डॉ. विकास द्विव्यकीर्ति (Dr Vikas divyakirti) की, जो कोचिंग सेंटर दृष्टि (Drishti IAS Coaching) के माध्यम से युवाओं को यूपीएससी की तैयारी कराते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको विकास द्विव्यकीर्ति सर के असल जीवन के रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

दरअसल, डॉ. विकास द्विव्यकीर्ति के पढ़ाने के मजेदार तरीके और इनके सेंस ऑफ ह्यूमर से तो सभी वाकिफ हैं। लेकिन बहुत कम लोग इनकी असल जिंदगी के बारे में जानते हैं। क्योंकि अब तक विकास सर सिर्फ यूपीएससी और पढ़ाई की ही बातें करते नजर आए हैं। लेकिन हाल ही इन्होनें एक इंटरव्‍यू में अपने निजी जीवन के बारे में खुलकर बातचीत की है। ऐसे में उस इंटरव्‍यू के जरिए विकास सर की असल जिंदगी के कई रोचक तथ्य सामने आए हैं, तो चलिए आपको भी इससे रूबरू कराते हैं।

इंटरनेट पर है विकास दिव्‍यकीर्ति के संबंध में कई गलत जानकारी

शुरूआत विकास दिव्‍यकीर्ति के जन्म से करें तो पंजाब के रहने वाले विकास का जन्म साल 1973 में हुआ था। जबकि इंटरनेट पर दी गई जानकारी की माने तो उनका जन्‍म साल 1976 में हुआ है। दरअसल, इंटरव्यू में इसकी जानकारी देते हुए विकास सर का कहना है कि इन्‍होंने साल 1996 में यूपीएससी का पहला अटेम्प्ट दिया था और अगर इनका जन्म 1976 में ही होता तो 20 साल की उम्र में कैसे यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठ पाते।

दो-दो विषयों में एमए और पीएचडी करने वाले नौवीं हो चुके हैं फेल

बात करें अगर डॉ. विकास द्विव्यकीर्ति (Dr Vikas divyakirti) की पढ़ाई की तो इन्होनें एमए हिंदी, एमए सोशियोलॉजी, मास कम्युनिकेशन, एलएलबी, मैनेजमेंट आदि जैसी हायर एजुकेशन की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की है। लेकिन यही विकास सर बताते है कि वो नौवीं क्लास तक अंग्रेजी के विषय में फेल हो जाया करते थे। बता दें विकास द्विव्यकीर्ति ने जेआरएफ क्लियर कर हिंदी में पीएचडी भी की है।

पिता चाहते थे कि बेटा बड़ा नेता बनें, इसलिए छात्र राजनीति में लिया हिस्सा

विकास दिव्‍यकीर्ति बताते हैं कि उनके पिता चाहते थे कि वो सीएम से भी बड़े नेता बने, इसलिए भिवानी से स्‍कूल शिक्षा पूरी करने के बाद उन्‍होंने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में दाखिला लिया और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े। हालांकि वहीं पहले साल की पढ़ाई पूरी होने के साथ ही कुछ ऐसा संकट आया कि उन्हें डीयू स्‍टूडेंट यूनियन के चुनाव की लड़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।

सेल्समैन बन कभी दिल्ली की गलियों में बेच चुके हैं कैल्कुलेटर

आज दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने वाला हर छात्र विकास सर से वाकिफ है पर इनमें से बहुत कम छात्र ही ये जानते होंगे कि एक समय था जब विकास सर इन्हीं दिल्ली की गलियों में सेल्समैन के तौर पर कैल्कुलेटर बेचा करते थे। दरअसल, कॉलेज के दौरान अपना खर्च चलाने के लिए उन्होनें सेल्समैन की नौकरी की थी। वहीं इसके बाद उन्होंने भाई के साथ मिलकर प्रिंटिंग का काम भी चालू किया था, जो अधिक समय तक नहीं चल सका।

यूपीएससी पास कर गृह मंत्रालय की नौकरी पाई लेकिन जल्द दे दिया इस्तीफा

बता दें कि साल 1996 में विकास दिव्‍यकीर्ति ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और इसके जरिए उन्हें गृह मंत्रालय की नौकरी मिली। लेकिन अपनी अलग विचारधारा के चलते ही इन्होनें एक साल के भीतर इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ समय बाद उन्होनें डीयू के कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया और फिर उन्होनें आईएएस कोचिंग संस्‍थान दृष्टि की स्थापना की। बता दें कि इसी दौरान विकास दिव्‍यकीर्ति (Dr Vikas divyakirti) को अपनी जूनियर डॉ. तरुणा वर्मा से प्‍यार हो गया और दोनों ने साल 1997 में शादी रचा ली।

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