26/11 हमले को याद कर भावुक हुए अभिनेता आशीष, दीदी-जीजा को याद करते हुए कही ये बात
26/11 आतंकी हमले को बेशक ही 12 साल हो गए हैं। लेकिन आज भी हर किसी को अच्छे से ये हमला याद है और इस हमले से हुए नुकसान को कोई भी भूल नहीं पाया है। 12 साल पहले 26 नवंबर के दिन पाकिस्तान के आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया था। इस हमले में कई सारे लोगों की जान चले गई थी। ये हमला ताज होटल व अन्य जगहों पर किया गया था।
इस हमले में ही अभिनेता आशीष चौधरी ने अपनी बहन व जीजा को खो दिया था। धमाल फिल्म में नजर आ चुके अभिनेता आशीष चौधरी ने 12 साल बाद फिर से इस हमले को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने एक ही पल में अपनी बहन और जीजा जी को खो दिया था। अभिनेता ने भावुक होकर एक पोस्ट लिखा और दीदी और जीजाजी को याद किया।
इमोशनल पोस्ट लिखते हुए आशीष ने कहा कि “मेरा कोई भी दिन आपके बिना पूरा नहीं होता मोना…मैं आपको और जीजाजी को हर दिन याद करता हूं। आप बस मुझे हमेशा देखते रहिएगा जैसे मैं आपको आज भी देखता हूं क्योंकि आप मुझे आज भी बहुत हिम्मती बनाती हैं। जैसे पहले हम हर दिन हंसते-खेलते बिताते थे, आप आज भी मेरे साथ हर पल मौजूद हैं और आपके होने से मुझे सांस आती है…” ये पोस्ट लिखने के साथ ही आशीष ने अपनी बहन की फोटो भी शेयर की।
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40 दिनों तक थे डिप्रेशन में
26/11 आतंकी हमले को लेकर एक बार बात करते हुए आशीष ने बताया था कि इस हमले के बाद वो 40 दिन तक डिप्रेशन में थे। वो समय इनके परिवार के लिए बहुत बुरा था और इस हमले ने उनके परिवार को तोड़ दिया था। आशीष के अनुसार उनकी बहन मोनिका छाबरिया, और जीजाजी अजीत छाबरिया हमले की रात ट्राएडेंट होटल के रेस्टोरेंट में डिनर कर रहे थे। जब आतंकियों ने फायरिंग शुरु कर दी। जैसे ही आशीष को इस हमले की जानकारी मिली वो फौरन ताज होटल के चले गए और करीब 48 घंटे तक होटल के बाहर खड़े रहे थे।
दो दिन बाद उन्हें पता चला कि उनकी बहन और जीजाजी की मौत हो गई है। आशीष ने बताया कि उनकी बहन से वो काफी छोटे थे और इतनी कम उम्र में उन्होंने बहुत दुख देखा। इनकी बहन के बच्चे भी थे। हमले के बाद इनकी बहन के बच्चे अनाथ हो गए। हालांकि आशीष ने अपनी बहन व जीजी के जाने के बाद उनके बच्चों की जिम्मेदारी उठाई।
आपको बता दें कि इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले को अंजाम देने के लिए पानी के रास्ते आतंकवादी पाकिस्तान से भारत आए थे।