अजब ग़जब

चाइनीज दीपक को बाजार में मात दे रहे हैं गाय के गोबर से बनें दीपक, इन्हे जलाने के हैं कई फायदे

इस बार दीवाली में गोबर के दीपक बाजार में बेचे जा रहे हैं। चाइनीज प्रोडक्ट को टक्कर देने के लिए गाय के गोबर के दीपकों को बनाया जा रहा है। जयपुर में महिलाओं का एक समूह इको-फ्रेंडली गोबर के दीपक बनाने के काम में लगा हुआ है और इनके द्वारा रोज 1000 गोबर के दीपक बनाए जा रहे हैं। इस समूह में कुल 100 महिलाएं हैं, जो इन दीपकों को बनाया करती हैं।

बेहद ही खास हैं ये दीपक 

इन दीपकों की ये खासियत है कि ये इको-फ्रेंडली हैं और इनसे पर्यावारण को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है। साथ में ही ये दीपक आसानी से मिट्टी में मिल भी जाते हैं, जिससे की मिट्टी की उर्वरक शक्ति और बढ़ जाती है।

दीपक बनाने वाली एक महिला ने बताया कि आजकल चीन के बने आइटम्स का इस्तेमाल दिवाली में ज्यादा किया जाता है। चीन के आइटम्स को टक्कर देने के लिए ये दीपक बनाए जा रहे हैं। इनसे वातावरण में प्रदूषण नहीं बढ़ता है। क्योंकि ये आसानी से विघटित नहीं होते हैं। गाय के गोबर को हिन्दू परंपरा में शुद्ध माना गया है। किसी भी शुभ कार्य में गाय के गोबर का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।

बेचे जाएंगे 12 आइटम

गाय के गोबर के दीपक बनाने की पहल कामधेनु दीपावली अभियान के तहत की गई थी। इस अभियान को राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) ने शुरु किया था। इस अभियान के तहत दीवाली से जुड़े 12 आइटम बनाए जा रहे हैं। ये सभी आइटम गाय के गोबर से ही बनाए गए हैं। देश की कई महिलाओं के समूहों को ये आइटम कैसे बनाए जाते हैं, उसकी ट्रेनिंग दे गई थी। जिसके बाद अब इन महिलाओं ने इन्हें बनाना शुरू कर दिया है। इस अभियान से कई गौशालाओं को भी जोड़ा गया है। जो गाय का गोबर देती हैं। वहीं अब दीपावली से पहले ये सामान तैयार किया जा रहे हैं और लोकल बाज़ार में इन्हें बेचा जा रहा है।

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