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किसानों को बहका रहे हैं वामपंथीऔर खालिस्तानी लोग, ग़लत हाथों चले गया है किसान आंदोलन

किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बड़ा बयान आया है और इन्होंने कहा है कि सरकार किसी भी सूरत में तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेने वाली है। एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत करते हुए इन्होंने तीनों कृषि कानून पर कहा कि इन कानूनों को लेकर जो आंदोलन चल रहा है, अब ये आंदोलन ज्यादातर लेफ्टिस्टों और माओवादियों के हाथ में चला गया है। वामपंथी किसानों को भड़का रहे हैं।

गोयल के अनुसार इस बिल से देश के सभी किसानों को बेहद फायदा पहुंचने वाला है। कुछ थोड़े से लोगों के लिए पूरे देश के किसानों के फायदे का नुकसान नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने आंदोलन कर रहे लोगों से अपील की और कहा कि वे उनके बहकावे में ना आए। इन्होंने कहा कि किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं और सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। किसान बिल के किसी भी मसले पर अगर किसान चर्चा करना चाहते हैं। तो सरकार से आकर बातचीत करें। सरकार इसके लिए तैयार है।

किसानों की एमएसपी की मांग पर गोयल ने कहा कि जहां तक एमएसपी का सवाल है लोकसभा से लेकर सरकार की ओर से किसानों को पूरा आश्वासन दिया गया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा। ये जारी रहेगा। इस बार 23 फीसदी ज्यादा किसानों का अनाज खरीदा गया। मुझे पूरी उम्मीद है कि किसान देशहित में इस कानून को समझेंगे। इस कानून से उन्हें तमाम तरह की बंदिशों से आजादी मिलेगी। अगर उनकी फसल के दाम कहीं भी ज्यादा मिल रहे हैं वे वहां जाकर उसे बेच सकते हैं।

गौरतलब है कि किसानों द्वारा तीनों कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। साथ में ही मंडी व मंडी के बाहर फसल की एमएसपी एक ही रखी जाए। किसानों को मानने के लिए सरकार द्वारा कई दौर की बैठकें किसान नेताओं के साथ की जा चुकी हैं। लेकिन इसका कोई भी नतीजा नहीं निकला पाया है।

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