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ऐसी थी इन 2 जिगरी यारों विनोद खन्ना-फिरोज खान की दोस्ती, एक बीमारी और एक ही तारीख को हुई थी मौत

दोस्ती का रिश्ता एक ऐसा होता है जो खून का ना होकर विश्वास का होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर दोस्ती सच्ची हो तो उम्र भर रहती है। दोस्ती को एक बेहद अनमोल रिश्ता बताया जाता है। इसके जैसा कोई और रिश्ता नहीं होता है। हम सभी लोग यह बात जानते हैं कि हर कोई इंसान अपने पूरे जीवन में कई रिश्ते निभाता है परंतु दोस्ती का रिश्ता जन्म से नहीं होता और ना ही विवाह के बाद।

दोस्ती का रिश्ता अटूट विश्वास और प्रेम से बंधा होता है। हम सभी लोगों ने दोस्ती की बहुत सी कहानियां सुनी होंगी। लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बॉलीवुड के ऐसे दो दिग्गज अभिनेताओं की दोस्ती के बारे में बताएंगे, जो एक ही दिन एक ही बीमारी से इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए थे।

दोस्ती की मिसाल थे विनोद खन्ना और फिरोज खान

आज हम आपको बॉलीवुड इंडस्ट्री के जिन दो जिगरी यारों की दोस्ती के बारे में बता रहे हैं वह दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना और फिरोज खान हैं। आप सभी लोगों ने दोस्ती में लोगों को खुशियां और गम बांटते तो सुना ही होगा लेकिन इन दोनों ने तो मौत की तारीख भी एक ही चुनी।

फिरोज खान और विनोद खन्ना अपने समय के एक ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में अपने लिए खास जगह बना ली थी। यह दोनों एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ जिगरी दोस्त भी थे और पूरी इंडस्ट्री में इनकी दोस्ती का जिक्र होता था।

विनोद खन्ना और फिरोज खान ने कई फिल्मों में एक साथ किया काम

बॉलीवुड की कई फिल्मों में विनोद खन्ना और फिरोज खान एक साथ काम कर चुके हैं। पर्दे पर इन दोनों की जोड़ी को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था। इसके अलावा असल जिंदगी में भी लोग इन दोनों की जोड़ी को काफी पसंद करते थे। इन दोनों ही दिग्गज अभिनेताओं ने कई फिल्मों में बेहतरीन काम किया, जिनमें से कई सुपरहिट फिल्में भी शामिल हैं।

विनोद खन्ना और फिरोज खान ने की जोड़ी 1976 में रिलीज हुई फिल्म “शंकर शंभू” में देखने को मिली थी। इस फिल्म में दोनों की जोड़ी को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था। साल 1980 में फिरोज खान और विनोद खन्ना की जोड़ी फिल्म “कुर्बानी” में नजर आई और इस फिल्म से उन्होंने सभी लोगों का दिल जीत लिया था। इसका डायरेक्शन फिरोज खान ने ही किया था। यह फिल्म जबरदस्त सुपरहिट साबित हुई थी। उस समय के दौरान यह फिल्म 12 करोड़ रुपए का व्यापार करने में सफल रही थी।

ऐसा बताया जाता है कि जब विनोद खन्ना का करियर इंडस्ट्री में कामयाबी की ऊंचाइयों पर था तो वह उस समय ओशो आश्रम चले गए थे, जिसके बाद वह बॉलीवुड में वापसी करना चाहते थे। इस समय फिरोज खान ने उनकी सहायता की थी। फिरोज खान ने फिल्म “दयावान (1988)” बनाई। इस फिल्म में दोनों फिर से एक साथ नजर आए थे। विनोद खन्ना ने अपने फिल्मी करियर के शुरुआत में खलनायक का रोल निभाया और बाद में वह नायक के रूप में स्थापित हुए।

भले ही फिरोज खान ने कुछ ही फिल्मों में काम किया है परंतु जितनी भी फिल्मों में उन्होंने काम किया उसी के जरिए उन्होंने अच्छा खासा नाम कमाया। चाहे फिल्म में हैंडसम हीरो की भूमिका हो या खूंखार विलेन का रोल हो, फिरोज खान हर किरदार में पूरी तरह से फिट रहे और इन्होंने सालों तक मेहनत की। आखरी बार वह फिल्म “वेलकम” में देखे गए थे।

एक जैसी बीमारी और एक ही तारीख को हुई दोनों की मौत

फिरोज खान और विनोद खन्ना की जोड़ी पर्दे पर लोगों ने खूब पसंद की। असल जिंदगी में भी इन दोनों की जोड़ी बहुत शानदार रही परंतु जब इन दोनों ने साथ में दम तोड़ा तो सभी लोग हैरान हो गए। इन दोनों की मौत की वजह एक ही रही और दोनों ही सितारों की मौत कैंसर की वजह से हुई थी।

जहां फिरोज खान को लंग कैंसर तो विनोद खन्ना को ब्लैडर कैंसर था। फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को इस दुनिया से गुजर गए। वहीं विनोद खन्ना का निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ था। इन दोनों ही जिगरी यारों की मौत की वजह एक ही रही और तारीख भी एक ही थी।

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