अजब ग़जब

मोची बना डॉक्टर, खोला ‘जख्मी जूतों का अस्पताल’, जर्मन तकनीक से करता है इलाज, जाने लें OPD समय

आप लोगों ने अपने जीवन में कई अस्पताल देखे होंगे। बहुत सो में इलाज भी करवाया होगा। लेकिन आज हम आपको एक बेहद अनोखे अस्पताल के दर्शन करवाने जा रहे हैं। इस अस्पताल में इंसानों का नहीं बल्कि जख्मी और बीमार जूते चप्पलों का इलाज होता है। इस अस्पताल में जूतों के डॉक्टर नरसीराम (Doctor Narsiram) बैठते हैं। यह अस्पताल इतना क्रिएटिव है कि मशहूर बीजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी इसकी तारीफ की।

सोशल मीडिया पर छाया जूतों का अस्पताल

दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों जूते चप्पल सुधारने वाले मोची की एक अनोखी दुकान बड़ी वायरल हो रही है। इस मोची ने अपनी दुकान पर एक होल्डिंग लगा रखा है जो लोगों को बड़ा आकर्षित कर रहा है। इसमें उसने अपनी दुकान को जख्मी जूतों का अस्पताल बताया है। शख्स ने अपना नाम जूतों के डॉक्टर डॉ. नरसीराम के रूप में लिखा है।

शख्स ने अपने ओपीडी (दुकान) के खुलने और बंद होने का समय भी लिखा है। ओपीडी खुलने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक है। 1 से 2 बजे तक लंच रहता है। वहीं दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक ओपीडी फिर से खुला रहता है। इस अस्पताल में जूतों और चप्पलों का इलाज जर्मन तकनीक से किया जाता है। यह दुकान हरियाणा के जींद में बताई जा रही है।

आनंद महिंद्रा ने खुश होकर दिया गिफ्ट

बताते चलें कि जूतों के अस्पताल की यह तस्वीर करीब पांच साल पहले बीजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की थी। उन्हें दुकानदार की ये क्रीऐटिविटी बड़ी पसंद आई थी। मोची की तारीफ करते हुए उन्होंने इसकी मदद की बात भी कही थी। फिर बाद में मोची को एक पोर्टेबल अपसताल भी गिफ्ट किया था। इतना ही नहीं उन्होंने तो नरसीराम को आईआईएम में टीचिंग फैकल्टी का दर्जा देने की मांग तक कर दी थी।


पांच साल पुरानी ये तस्वीरें अब फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग एक बार फिर शख्स की क्रिएटिव सोच की तारीफ कर रहे हैं। इस शख्स ने जिस तरह से अपनी दुकान की मार्केटिंग की है वह सच में सराहनीय है। यह बात साबित करती है कि भारतीय लोग जुगाड़ू होने के साथ-साथ काफी क्रिएटिव भी हैं।


वैसे आपको जूतों का यह अस्पताल कैसा लगा हमे कमेन्ट कर जरूर बताएं।

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