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साधारण नहीं है तिरुपति बालाजी मंदिर, ये 10 रहस्य जानकार हो जाएंगे हैरान

दक्षिण भारत बहुत सारे आकर्षक मंदिरों से सुसज्जित है। साथ ही इन मंदिरों की आकृति, इनकी बनावट कुछ इस प्रकार की है कि यहां प्रवेश करते ही एक अद्वितीय अनुभूति होती है। इन्ही मंदिरों में से एक है भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर। यह चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

भगवान तिरुपति के दरबार में गरीब और अमीर दोनों सच्चे श्रद्धाभाव के साथ अपना सिर झुकाते हैं। हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र होते हैं। इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से ऐसे रहस्य जुड़े हैं, जिन्हे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़े ऐसे 10 रहस्य…

  • तिरुपति बालाजी के सिर के बाल रेशमी हैं और स्नान के बाद भी उनके बाल कभी उलझते नहीं। वह चमकदार और सुलझे हुए ही रहते हैं।
  • मंदिर के मुख्यद्वार के दाहिनी ओर और बालाजी के सिर पर एक निशान है जो कथाओं के अनुसार अनंताळवारजी के मारने से बने थे।

  • माना जाता है कि भगवान के इस रूप में मां लक्ष्मी भी समाहित हैं। इसी कारण स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की यहां परम्परा है।
  • जब आप मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करते हैं तो आपको लगेगा कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की प्रतिमा गर्भ गृह के मध्य में स्थित है। आप वहां नतमस्तक होते हैं और भगवान का ध्यान करते हैं। परन्तु जैसे ही गर्भगृह से बाहर आएंगे तो अचंभित रह जाएंगे क्योंकि बाहर आकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान की प्रतिमा दाहिनी ओर स्थित है।

  • बालाजी के मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर एक गांव है। इस गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। खास बात ये है कि इस गांव से ही भगवान को फूल और दूध-दही,घी-मक्खन आदि जो भी प्रसाद का सामान हो जाता है। कहीं अन्यंत्र से आई कोई भी चीज भगवान को नहीं चढ़ाई जाती।
  • यहां जाने वाले बताते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है।

  • भगवान को जो कुछ भी चढ़ाया जाता है वह कभी बाहर नहीं लाया जाता। गृभगृह में चढ़ाई गई वस्तु बालाजी के पीछे जलकुंड से बाहर निकलती है।
  • गुरूवार के दिन तिरूपति बालाजी की पूरी प्रतिमा को सफेद चंदन का लेप लगाया जाता है। जब लेप को हटाया जाता है, तो प्रतिमा पर माता लक्ष्मी का रूप प्रत्यक्ष दिखाई देता है।

  • बालाजी की पीठ कभी सूखती नहीं। उनकी पीठ को चाहे कितनी बार भी पोंछ दिया जाए वह गीली ही रहती है।
  • गर्भगृह में जलने वाली चिराग हजारों सालों से जल रही है। ये कभी नहीं बुझती और यह कब से जल रही है इसकी जानकारी किसी को नहीं।

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