बॉलीवुड

बेसुरे आभास को इस हादसे ने बना दिया सुरीला किशोर कुमार, पैर से निकलता रहा खून और मुँह से रियाज़

किशोर कुमार भारतीय सिनेमा के अमर गायकों में से एक है. आज तक उनके गाने सदाबहार है. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक उनके गाने पसंद किये जाते है. आज भी किशोर कुमार के गीतों को सबसे ज्यादा सुना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कैसे 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्में बेसुरे आभास कुमार बन गए ‘एवरग्रीन’ सुरों के सरताज किशोर कुमार. आपको बताते है किशोर कुमार के बारे में ये दिलचस्प किस्सा.

kishore kumar and ashok kumar

करियर में 1500 से ज्यादा गाने गाए किशोर दा ने
आपको बता दें कि, किशोर कुमार अपने ज़माने के सबसे सफल और महंगे गायकों में से एक थे. फिल्मों में उनके गाने फिल्म की सफलता की ग्यारंटी हुआ करते थे. अपने करियर में किशोर दा ने लगभग 1500 से ज्यादा गाने गाए.

लेकिन क्या आपको पता है किशोर दा की आवाज बचपन से ऐसी सुरीली नहीं थे, बल्कि खराब ही मानी जाती थी, लेकिन एक हादसे ने उनकी पूरी किस्मत ही बदल दी और आभास से बना दिया सुरों का सरताज किशोर कुमार.

kishore kumar and ashok kumar

बचपन में खराब थी किशोर दा की आवाज़
इस किस्से के बारे में किशोर कुमार के भाई और एक्टर अशोक कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गायकी में महान कहे जाने वाले किशोर कुमार की आवाज बचपन में बेहद ही खराब हुआ करती थी. उनका गला बैठा हुआ था. उनका कहना था कि अगर बचपन में किसी ने किशोर की आवाज सुनी होती तो कोई भी ये नहीं मान सकता था कि ये आगे चलकर बॉलीवुड पर अपनी आवाज का जादू चलाएगा.

अशोक कुमार ने बताया था कि, जब किशोर कुमार छोटे थे तो एक बार मां को बुलाते हुए वह किचन में दौड़ पड़े थे. वहां पर रखी एक दराती पर उनका पैर पड़ गया था और इसके बाद उनके पैर की एक उंगली बुरी तरह से कट गई थी. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. डॉक्टर्स ने उनका इलाज़ किया लेकिन उनका दर्द नहीं जा रहा था.

kishore kumar

अशोक कुमार के मुताबिक इस दर्द से किशोर दा लगभग 20 दिनों तक रोते रहे थे. रोने के कारण उनके गले में काफी बदलाव आ गया और ऐसी खनक आ गई जो बहुत अच्छी लग रही थी. इसे ऐसे समझ लीजिए कि बेइंतहा रोने से उनका रियाज हो गया. इसके बाद जब उनकी आवाज़ में मधुरता आई तो उन्होंने बॉलीवुड में बतौर गायक कदम रखा और अपनी आवाज का जादू हर किसी पर चलाया जो आज तक बना हुआ है.

kishore kumar

आपको बता दें कि किशोर कुमार को फिल्म का हर हुनर आता था. किशोर कुमार गायिकी में ही नहीं बल्कि, अभिनय, निर्देशन, संगीत निर्देशन और पटकथा लेखन में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनावा चुके थे. वह हर तरह के गीतों, चाहे वह दर्द भरे गीत हों या रूमानियत से भरे प्रेमगीत, हुल्लड़ वाले जोशीले नगमे हों या संजीदा गाने उनकी आवाज ने इन्हें यादगार बना दिया था.

ज्ञात होकि किशोर कुमार ने अपने जीवन में 4 शादियां की थी. उन्होंने हिंदी के अलावा भी कई भाषाओँ में गाने गाए. बॉलीवुड के पहले हरफनमौला स्टार 13 अक्टूबर 1987 को इस दुनिया को अलविदा कह गए थे.

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