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नदी में डूब रहा था 7 साल का भाई, 10 साल की बहन बचाने कूद गई, फिर जो हुआ बड़ा दुखद था

भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता है। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं। यदि बहन बड़ी हो तो वह अपने भाई का मां की तरह ख्याल रखती है। उसे कोई तकलीफ नहीं आने देती है। आज हम आपको एक ऐसी बहन से मिलाने जा रहे हैं जिसने अपने भाई को बचाने की खातिर खुद की जान दाव पर लगा दी।

मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का है। शुक्रवार 8 अप्रैल की बात है। जिले के केसरिया थाना क्षेत्र के मठिया पंचायत के वार्ड नंबर-06 में दो भाई बहन रहते थे। बहन सावित्री कुमारी की उम्र 10 साल थी, जबकि भाई धनंजय पाठक 7 साल का था। शुक्रवार की दोपहर भाई बहन की इच्छा नदी में नहाने की हुई। ऐसे में दोनों गांव की सुमौती नदी पहुँच गए।

नदी में डूबने से भाई-बहन की मौत

नदी में नहाते हुए छोटा भाई धनंजय गहरे पानी में चला गया। वह डूबने लगा। मदद को चिल्लाने लगा। भाई को डूबता देख बहन सावित्री उसे बचाने दौड़ी। लेकिन वह भी गहरे पानी में खुद को संभाल नहीं पाई। नतिजन दोनों भाई बहन पानी में डूब गए। भाई धनंजय की मौत तो मौके पर ही हो गई। जबकि बहन सावित्री को आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।

बच्चों के पिता का नाम विनय पाठक है। वह मजदूरी कर घर चलाता है। एक ही परिवार के दो बच्चों की अचानक मौत होने से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि कल तक आंगन में खेलते कूदते बच्चे अब हमेशा के लिए शांत हो गए।

अंतिम संस्कार देख नम हुई आंखें

इस घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो केसरिया थानाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने वहाँ अपनी टीम भेज दी। स्थानीय मुखिया पति अभिषेक कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह व उप मुखिया अशोक सिंह ने इस घटना की जानकारी प्रशासन को दी थी। सूचना मिलते ही अंचल अधिकारी घटनास्थल आए और जांच शुरू कर दी।

फिलहाल पुलिस ने दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शवों को परिवार को दे दिया है। दोनों के अंतिम संस्कार में बहुत से लोग शामिल हुए। जिसने भी ये दुखद नजारा देखा उनकी आंखें नम हो गई। इस घटना से आप भी सीख लें और अपने बच्चों को अकेले कहीं रिस्क वाली जगहों पर न भेजें।

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