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युवक की धूमधाम से हुई शादी, 4 दिन बाद पता चला पत्नी नहीं निभा सकती वैवाहिक रिश्ता, ऐसे खुली पोल

विवाह पूरी दुनिया में एक ऐसा बंधन है जो पवित्र होने के साथ-साथ इस संसार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें दो प्यार करने वाले एक नए रिश्ते में जुड़ जाते हैं लेकिन शादी का यह रिश्ता प्यार और विश्वास के बल पर ही बनता है। अगर विवाह के बंधन को मजबूत बनाए रखना है तो पति-पत्नी को एक दूसरे के ऊपर विश्वास होना चाहिए। अगर इसमें कोई भी कमी आए तो रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिकता है।

वैसे देखा जाए तो शादी के रिश्ते की डोर बहुत नाजुक होती है और इसे मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी पति और पत्नी दोनों की ही होती है। यह रिश्ता प्यार और विश्वास का रिश्ता होता है। अक्सर देखा गया है कि अगर पति-पत्नी दोनों में से अगर कोई झूठ बोलता है या फिर कोई बात छुपाता है तो इसकी वजह से रिश्ता कमजोर होने लगता है। अगर लगातार इसी प्रकार से किया जाए तो इससे शादी की नाजुक डोर टूट जाती है और पति-पत्नी आखिर में एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।

अक्सर आए दिन शादी को लेकर कई खबरें सामने आती हैं जिसमें पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल ठीक ना होने के कारण रिश्ता टूट जाता है परंतु आज हम आपको जिस मामले के बारे में बताने वाले हैं, वह काफी हैरान कर देने वाला है। दरअसल, एक डॉक्टर महिला ने शारीरिक विकृति (नपुंसकता) को छुपा कर धोखे से विवाह कर लिया, जिसे इंदौर कुटुंब न्यायालय के द्वारा शून्य घोषित कर दिया गया है।

बता दें करीब साढे 4 साल बाद मेडिकल बोर्ड की जब रिपोर्ट आई, गवाहों के बयानों पर कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ युवक की शादी परिजन ने धूमधाम के साथ डॉक्टर युवती से करवाई थी परंतु शादी के महज 4 दिन के बाद ही यह मालूम हुआ कि युवती शारीरिक विकृति के चलते वैवाहिक रिश्ता निभाने में सक्षम नहीं है।

शादी के 5 महीने के बाद डॉक्टर पति ने इंदौर के कुटुंब न्यायालय में केस दर्ज करवा दिया परंतु महिला के द्वारा समय पर बयान नहीं दिया गया। मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच कराने नहीं जाने और अन्य वजहों से करीब साढे चार साल बाद पति को तलाक मिल पाया है। जब कोर्ट में सुनवाई चल रही थी तो इस दौरान भी युवती और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति की बात स्वीकार नहीं की।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान युवती और उसके परिजन उल्टा पति पर ही गंभीर आरोप लगाने लग गए थे। कोर्ट के द्वारा मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। करीब डेढ़ साल तक आनाकानी चलती रही, जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाई और महिला की जांच करवाई और जांच के बाद महिलाएं की सारी झूठ की पोल खुल गई।

ऐसा बताया जा रहा है कि शादी से पहले परिजन ने युवती की दो बड़ी सर्जरी करवाई थी, जिसकी जानकारी भी उन्होंने नहीं दी। प्रधान न्यायधीश अनिल कुमार सोनाने ने अपने आदेश में यह लिखा कि युवती और उसके परिजनों ने शारीरिक विकृति छुपाकर युवक से धोखा किया है। वकील जितेंद्र सिंह ठाकुर का ऐसा बताना है कि यह मध्य प्रदेश का संभवत: पहला केस है, जिसमें महिला की नपुंसकता के आधार पर कोर्ट ने विवाह को शुन्य घोषित कर दिया।

एडवोकेट जितेंद्र सिंह ठाकुर का ऐसा बताना है कि पति-पत्नी मूल रूप से ग्वालियर के पास के गांव में रहते थे। इन दोनों का विवाह 4 मार्च 2017 को संपन्न हुआ था। उस समय के दौरान युवती इंदौर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। वहीं युवक इंदौर में डॉक्टर था। उन्होंने बताया कि शादी के कुछ दिनों के पश्चात ही महिला दहेज का सारा सामान बटोरकर अपने मायके चली गई थी। इतना ही नहीं बल्कि शादी में जो भी रुपए खर्च हुए थे, वह भी उन्होंने वापस नहीं किए।

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