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त्यौहार की दस्तक ने बढ़ाई खाद्य तेलों की डिमांड, सरसों के तेल का भाव में हुई इतनी बढ़त

त्योहारों के सीजन के बीच लोगों को खाद्य तेलों की महंगाई देखकर बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, त्योहारों में बढ़ती मांग को देखकर और सरसों की कमी के कारण मार्केट में सरसों, मूंगफली, कच्‍चा पाम ऑयल और सोयाबीन समेत सभी तेलों के भाव बढ़ा दिए गए हैं। इसके पीछे का कारण है कि बरसात से सरसों की ज्यादातर फसलें बर्बाद होना। यही वजह है कि खाद्य तेलों में कीमतों की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

बता दें, करीब 1 महीने पहले सरसों का दाम 8400-8500 था लेकिन अब ये 800 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया है, जिसके चलते सरसों के दाम शन‍िवार को 9200 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज क‍िए गए। इतना ही नहीं बल्कि आगरा की ज्यादातर मिले बंद हो चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि सरसों के तेल के मुकाबले सोयाबीन का तेल मार्केट में 40 रुपए प्रति लीटर सस्ता होने से सरसों तेल की डिमांड कम हो गई है।

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सरसों की मांग में कमी
वहीं आगरा ऑयल मिल के प्रबंधक नीतीश कुमार, कृष्ण गोपाल, दिनेश गोयल और कारोबारी बृजमोहन अग्रवाल के अनुसार, राजस्थान का कोटा, हरियाणा का सिरसा, इटावा, मध्य प्रदेश का इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, देवास और जावरा मंडी में सोयाबीन की करीब 5 लाख बोरियां आई है। ऐसे में इसके दाम भी 5175-5400 रुपए प्रति क्विंटल से कम होकर 4900-5100 प्रति क्विंटल हो चुके हैं।

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इसके अलावा मूंगफली के मूल्य में भी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं सरसों के तेल की डिमांड भी बहुत कम हो गई है ऐसे में 7 रुपए प्रति लीटर की गिरावट देखी गई। इतना ही नहीं बल्कि अनुमान लगाया जा रहा है कि आगे चलकर सरसों के तेल में और गिरावट आ सकती है। इसी बीच सरसों तेल की मिले भी बंद की गई है जिससे सरसों के तेल को लेकर भारी किल्लत देखने को मिल सकती है।

मंडी में सरसों की आवक में कमी
इसके अलावा कहा जा रहा है कि, मध्‍यप्रदेश में इस बार 63.05 लाख हेक्‍टेयर और महाराष्‍ट मेे 50 लाख हेक्‍टेयर पर सोयाबीन की खेती हुई है। वहीं केन्‍द्र सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 10 से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया गया है, इसके अलावा कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 2.5 फीसद कर दिया गया है। जानकारों के मुताबिक, 23 अक्टूबर 2021 सरसों का तेल थोक में 170 से 175 रुपए लीटर मिल रहा था जबकि रिटेल बाजार में 180 रुपए लीटर बेचा जा रहा था।

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वहीं जून में सरसों के तेल 145 रुपए प्रति लीटर रहा लेकिन इसी बीच सरसों की आवक कम हो गई जिसके चलते तेल के दाम भी अधिक हो गए। रिपोर्ट के अनुसार आगरा की सरसों मंडी खेरागढ़ और कागरोल रोड व किरावली मंडी में शनिवार को सरसों 9200 प्रति क्विंटल बेची गई। इसके अलावा बताया जा रहा है कि अगस्त महीने में केवल 10 से 17 टन ही सरसों की आवक हुई, ऐसे में कहा जा रहा है कि सरसों का तेल और भी महंगा हो सकता है। क्योंकि सरसों की कम आवक हो चुकी है और वहीं सरसों के तेल की ज्यादातर मिले बंद हो चुकी है।

आगरा में होता है सरसों का सबसे ज्यादा उत्पादन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आगरा एक ऐसी जगह जहां सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन किया जाता है। एक रिपोर्ट की मानें तो आगरा में करीब 66 हजार हेक्टेयर में सरसों पैदा की जाती है। बता दें, हर रोज करीब 500 टन सरसों का तेल उत्पाद करने वाली कंपनियां बीपी ऑयल मिल, शारदा ऑयल मिल, आगरा ऑयल मिल और महेश ऑयल मिल सबसे अधिक सरसों की खरीदारी करते हैं। लेकिन आगरा में 500 से 600 टन सरसों का उत्पादन वाली कंपनियां केवल 120 टन का ही उत्पादन कर रही है, ऐसे में सरसों की कम फसल आवक के चलते सरसों का तेल महंगा हो रहा है।

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