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किसानों को समझाने के लिए सरकार चलाएगी जागरुक अभियान, हर किसान तक पहुंचाएगी अपनी बात

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और आज इस प्रदर्शन का 18 वां दिन है। सरकार और किसानों के नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकीं हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। जिसके बाद किसानों ने इस आंदोलन को ओर तेज करने का फैसला किया है और किसानों के कुछ ओर जत्थे दिल्ली की और कूच कर रहे हैं। किसान सरकार पर इन तीनों कानूनों को वापस लेने का दबाव डाल रहे है। लेकिन सरकार साफ कर चुकी है कि वो केवल कानून में संशोधन कर सकती है।

किसानों का ये भी आरोप है कि केंद्र सरकार ने नए कानूनों को लेकर किसान संगठनों से व्यापक चर्चा नहीं की और धोखे दे रही है। जबकि कृषि मंत्रालय का कहना है कि जून 2020 से नवंबर 2020 तक हजारों वेबिनार हुए जिसमें एक करोड़ किसानों ने हिस्सा लिया है और इन कानून पर चर्चा की। कृषि मंत्रालय के एक अफसर के अनुसार किसानों को नए कानूनों के बारे में जानकारी देने के लिए कृषि मंत्रालय की एग्रिकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी की तरफ से हजारों वेबिनार आयोजित किए गए।

कृषि मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में अध्यादेश लाने के बाद किसानों और उनके संगठनों से लंबी चर्चाएं की गई है। कृषि मंत्रालय ने जून 2020 में 708 वेबिनार आयोजित किए थे। इसमें 21 हजार से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया था। जुलाई माह में 873 वेबिनार हुए थे जिसमें 26 हजार किसान शामिल हुए थे। इसी तरह से सितंबर माह में कानून पारित होने से के बाद भी वेबिनार हुए थे।

कानून पारित होने के बाद किसानों को इन कानूनों को समझाने के लिए चार वेबिनार किए गए। जिसमें करीब 1 लाख किसानों ने हिस्सा लिया था। अक्टूबर और नवंबर माह में भी वेबिनार किए गए और इसमें 90 लाख किसानों को इस कानून के बारे में बताया गया। वेबिनार में किसानों के साथ जो भी चर्चाएं की गई। उसका पूरा फीडबैक कृषि मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों को भी दिया गया।

रोज हो रही है कानून पर चर्चा

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार कई बैठकें कर रहे हैं और एक दर्जन किसान संगठनों के नेताओं को नए कानून के बारे में बता चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी नए कानूनों के बारे में चर्चा कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी कोई सामाधान नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में सराकर ने फैसला लिया है कि वो इन तीन कानूनों को लेकर किसानों को जागरुक करने का अभियान शुरू करेगी।

बीजेपी के नेता प्रेस कांफ्रेंस, चौपाल और जनसंपर्क आयोजित कर किसानों को इस बिल के बारें में समझाएंगे। बीजेपी की ओर से इसके लिए 700 से ज्यादा प्रेस कांफ्रेस, वेबिनार और गांवों में चौपालों का आयोजन किया जाएगा।

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