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ये हैं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर, कड़े संघर्षों के बाद पूजा देवी ने ख्वाब किया पूरा

महिलाओं के प्रति लोगों की विचारधारा एक अलग ही देखने को मिलती है लेकिन सच मायने में देखा जाए तो वर्तमान समय में महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। वर्तमान समय में हर क्षेत्र में महिलाएं अपने परिवार वालों के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन कर रही हैं। अक्सर देखा गया है कि महिलाओं के प्रति लोगों की सोच ऐसी होती है कि महिलाएं यह काम नहीं कर सकतीं, वह काम नहीं कर सकतीं, परंतु इन्हीं तमाम रूढ़िवादी विचारधाराओं को कठुआ जिले की रहने वाली पूजा देवी ने तोड़ा है। जी हां, पूजा देवी जम्मू और कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं।

आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर की रहने वाली पूजा देवी ने इतिहास रच दिया है। जम्मू और कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बनने का यह सफर इनके लिए इतना आसान नहीं था परंतु इनकी कहानी से यह संदेश मिलता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। 30 वर्षीय पूजा देवी कठुआ जिले के संधार-बसोहली गांव में पली-बढ़ी हुईं है। इनका ऐसा बताना है कि शुरू से ही इनको ड्राइविंग का बहुत शौक था। किशोरावस्था से ही यह कार चलाने लगी थीं लेकिन इनकी यही इच्छा थी कि वह बड़ी गाड़ियां चलाएं। इन्होंने अपना ये ख्वाब अब पूरा कर दिखाया है।

पूजा देवी का ऐसा कहना है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, जिसकी वजह से उन्होंने नौकरी करने का फैसला लिया था। पूजा देवी को जम्मू में एक प्रतिष्ठित ड्राइविंग संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में प्रति महीना ₹10,000 रुपये मिलते थे लेकिन आजकल के समय में इतने रुपए में परिवार का गुजारा चला पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था, जिसके बाद पूजा देवी ने यह फैसला लिया कि वह भारी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस लेकर खुद ड्राइविंग करेंगी।

पूजा देवी ने यह बताया है कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थीं। जिसकी वजह से उनको कोई भी बड़ी नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने बताया कि ड्राइविंग का पेशा उनको बहुत सूट करता है। वह जम्मू में टैक्सी और ट्रक भी चला चुकी हैं। पूजा देवी का ऐसा कहना है कि वह तमाम रूढ़ीवादी विचारधाराओं को तोड़ना चाहती थीं कि केवल पुरुष ही यात्री बस चला सकते हैं। आजकल के समय में महिलाएं फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं, एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं, तो बस चलाने में क्या दिक्कत हो सकती है।

पूजा देवी के लिए यह सब करना इतना आसान नहीं था। परिवार के लोग इसके लिए बिल्कुल भी राजी नहीं थे, फिर भी यह अपना ख्वाब पूरा करने की ठान चुकी थीं। पूजा देवी ने ड्राइवर बनने के अवसर मिलने के बारे में यह बताया कि “मैं जब कठुआ रोड बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह से मिली और बस चलाने देने का अनुरोध किया तो उन्होंने शुरू में थोड़ी हैरानी दिखाई थी, लेकिन बाद में उन्होंने मुझे एक बस दे दी और मुझसे कहा कि जाओ, अपने ख्वाबों को पूरा करो।

आपको बता दें कि पूजा देवी के तीन बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी दसवीं कक्षा में पढ़ाई करती है, पूजा देवी अपने छोटे बेटे को बस में ही ड्राइविंग सीट के पीछे बिठाकर साथ ले जाती है। भले ही उनके बस ड्राइवर बनने के फैसले से परिवार के सदस्य और ससुराल वाले खिलाफ थे लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपना ख्वाब पूरा करने का निर्णय लिया। पूजा देवी का ऐसा कहना है कि जब वह बस चलाती हैं तो लोग देख कर हैरान हो जाते हैं लेकिन लोग उनके इस फैसले की तारीफ भी करते हैं।

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