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दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा में ये है सबसे बड़ी ‘कमी’, जब भी जाएं तो रहे सावधान

संयुक्त अरब अमीरात स्थित दुबई दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां के रेगिस्तान से लेकर बड़ी इमारतों तक हर चीज दुनियाभर में मशहूर हैं। लेकिन दुबई में स्थित बुर्ज खलीफा इमारत दुनियाभर में मशहूर है। चमचमाती हुई यह कांच की बिल्डिंग दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है जिसकी लंबाई 830 मीटर ऊंची है। यह इमारत हर सुविधा से लैस हैं। हालांकि, फिर भी इस इमारत में एक कमी है जिसके कारण हमेशा इस पर सवाल उठे हैं।

ये है बिल्डिंग में कमी

आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के मामले में बुर्ज खलीफा सबसे अलग और अनोखी है। ये दुबई की पहचान है। 830 मीटर ऊंची इस इमारत को पूरीू दुनिया के लोग जानते हैं। इस बिल्डिंग में जो सबसे बड़ी कमी है वो है इसका सीवेज सिस्टम। इसे जानबूझ कर नहीं लगाया गया। अगर सीवेज सिस्टम लगाया गया होता तो इस प्रोजेक्ट में और ख़र्च बढ़ जाते।

सीवेज सिस्टम नहीं होने पर ऐसे चलता है काम?

चूंकि इस बिल्डिंग में सीवेज सिस्टम नहीं है लिहाजा इसके सीवेज को साफ करने का तरीका बेहद पुराना और ‘गंदा’ है। हर रोज गंदगी साफ करने वाले ट्रकों की कतार इस झिलमिलाते आलीशान टॉवर में आती है और इमारत के सीवेज को ट्रकों में भरकर ले जाया जाता है। यहां से इस कचरे को शहर से बाहर ले जाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई सीवेज की व्यवस्था सुनिश्चिति किए बिना एक गगनचुंबी इमारत पर 1।5 अरब डॉलर कैसे खर्च कर सकता है?

रोजाना निकलता है 15 टन सीवेज

जानकारी के मुताबिक, फिलहाल 35000 लोग यहां रहते हैं। ऐसे में रोज़ 15 टन गंदगी रोज़ निकलती है। जब बुर्ज खलीफा का काम पूरा हुआ तो दुबई 2008 के आर्थिक संकट के प्रभावों से जूझ रहा था। लिहाजा यह फैसला लिया गया कि इसे शहर के पहले से ही गड़बड़ी से जूझ रहे सीवर सिस्टम में जोड़ने की लागत, पैसे की अनावश्यक बर्बादी थी। निर्माताओं को विश्वास था कि सीवर सिस्टम में सुधार करने की तुलना में हर दिन कचरे को बाहर निकालना एक सस्ता विकल्प होगा।

ऐसे पड़ा बिल्डिंग का नाम

इस बिल्डिंग को लेकर दिलचस्प बात यह है कि निर्माण के समय इस इमारत का नाम बुर्ज दुबई था लेकिन इमारत के निर्माण में वित्तीय सहायता देने वाले संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायेद अल नाहयान के सम्मान में उद्घाटन के समय इसका नाम बुर्ज खलीफा कर दिया गया। इस इमारत की लिफ्ट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और इमारत के 124वें तल पर स्थित अवलोकन डेक ‘एट द टॉप’ तक मात्र दो मिनट में पहुंच जाती है। बुर्ज खलीफा दुनियाभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

 

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