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रोमानिया के मेयर बोले- मुझे नहीं पता था सिंधिया मंत्री हैं, पता होता तो भी करता ऐसा

रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच वहां फंसे भारतीय बच्चों को निकालने के लिए सरकार ने ऑप्रेशन गंगा की शुरुआत की। भारतीय बच्चों को युद्ध भूमि यूक्रेन से सुरक्षित बाहर लाने के लिए सरकार ने अपने कई मंत्रियों को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी। इस दौरान भारत सरकार ने अलग अलग मंत्रियों को विदेश के अलग अलग शहरों में भेजकर वहां से भारतीय छात्रों को सुरक्षित अपने वतन वापस लाने का काम दिया था।

इसी के चलते केंद्र सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी सरकार ने रोमानिया भेजा था। जहां वे छात्रों को वापस लाने के साथ ही किसी और वजह से भी सुर्खियां बटौरने लगे। आपको बता दें कि वहां रोमानियां में मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की वहां के मेयर एंजेल मिहाई से बहस हो गई थी। जिसके बाद उनकी इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मेयर एंजेल मिहाई ने भी कम सुर्खियां नहीं बटौरी।

रोमानिया के मेयर से भिड़े सिंधिया

वे भी भारतीय  मीडिया पर छाए रहे थे। ऐसे में एंजेल मिहाई का मीडिया के साथ इंटरव्यू भी हुआ। जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि सिंधिया भारत में मंत्री हैं। जब मीडिया कर्मी ने मेयर मिहाई से वायरल वीडियो को लेकर पूछा तो उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में जो दिख रहा है। वह सच में हुआ था। यह घटना एक शेल्टर होम की थी, जिसे उन्होंने घेरमनेस्टी गांव मेें मिहाई एमिनेस्कु जिम्नेजियम स्कूल में इंडियन स्टूडेंट्स के लिए कुछ घंटों में शेल्टर होम स्थापित किया था।

इसके बाद मेयर ने वीडियो में दिख रही बहस से पहले हुई घटना के बारे में बताते हुए कहा कि वहां पर मौैजूद भारतीय छात्र सिंधिया से यह जानना चाहते थे कि वे लोग दोबारा अपने देश कब तक जा सकते हैं। लेकिन सिंधिया उन्हें ये बताने के बजाय अपने दूसरे एजेंडों के बारे में बाते कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय छात्र और वे खुद भी परेशान हो रहे थे। क्योंकि उन्हें अब तक उनके सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा था।

सिंधिया ने नहीं बताया की वे मंत्री हैं

मेयर ने यह भी बताया कि मुलाकात के दौरान जब उन्होंने सिंधिया को अपना परिचय दिया तो बदले में सिंधिया ने अपना कोई परिचन नहीं दिया। और वे सिधे छात्रों से बाते करने लगे। लेकिन फिर भी उन्हें ये नहीं बता रहे थे कि वे बच्चों को अपने देश कब तक ले जाएंगे।

इसके बाद मेयर ने इस घटना पर भारतीय बच्चों के जवाब के बारे में बताते हुए कहा कि वे भारतीयय छात्रों से इसके बारे में कुछ भी नहीं कह रहे थे। लेकिन बच्चों ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरु कर दिया।

इसके आगे मेयर ने कहा कि मुझे पता नहीं था कि वे मंत्री हैं, लेकिन पता भी होता तो मेरा रवैया वही होता। मेरे परिचय देने के बावजूद उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा तो मैंने भी उसी स्वर में उत्तर दिया। इसके बाद मेयर ने कहा कि वे सिर्फ फंसे हुए छात्रों की मदद करना चाहते थे। आपको बता दें कि यूक्रेन से रोमानियां तक आए बच्चों को वहां के शेल्टर रुम में में ठहराया गया था। यहां मेयर एंजेल मिहाई ने बच्चों को जरुरत की चीजें जैसे खाना, पानी दिया।

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