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वेंटीलेटर पर था पति और पत्नी बोली मुझे बच्चा चाहिए, मरने से पहले इस तरह प्यार की निशानी दे गया पति

कोरोना महामारी के बीच सभी लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। कोरोना काल में ऐसी बहुत सी खबरें सुनने को मिल रही हैं जिसको जानकर इंसान बहुत भावुक हो जाता है। एक ऐसा ही मामला गुजरात से आया है। जहां पर पत्नी ने अपने पति के अंतिम समय में उसके प्यार की निशानी पाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर बुधवार को पति के स्पर्म को एकत्रित किया गया ताकि महिला अपने पति के बच्चे की मां बन सके। तो चलिए जानते हैं आखिर यह पूरा मामला क्या है।

खबरों के अनुसार कनाडा की रहने वाली एक महिला ने गुजरात के एक व्यक्ति से अक्टूबर 2020 में शादी रचाई थी। यह दोनों चार सालों से एक दूसरे के संपर्क में थे। कुछ दिनों से महिला का पति काफी बीमार चल रहा था, जिसकी वजह से वह अपने इलाज के लिए भारत आ गया था और साथ में उसकी पत्नी भी आई थी। पत्नी के द्वारा कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसके मुताबिक, ससुर की हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी, जिसके पश्चात उस महिला के पति को कोरोना हो गया।

कोरोना संक्रमण की वजह से महिला के पति को अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन 10 मई से उसके पति की तबियत कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई जिसके बाद बड़ोदरा के अस्पताल में उसको एडमिट कराया गया था परंतु वहां भी उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं आया और हालत लगातार बिगड़ती गई, जिसके बाद महिला के पति को वेंटिलेटर पर रख दिया गया था।

पत्नी का ऐसा बताना है कि वेंटीलेटर पर रखने के बाद भी उसके पति की हालत नाजुक बनी हुई थी। उधर डॉक्टरों ने भी पत्नी को जवाब दे दिया। डॉक्टरों का ऐसा कहना था कि मरीज के पास है तीन दिन का ही समय शेष रह गया है। जब पत्नी ने यह बात सुनी तो उसने डॉक्टरों से कहा कि मैं अपने पति के प्यार की निशानी चाहती हूं। उनके स्पर्म से गर्भधारण करना चाहती हूं। पत्नी की यह बात सुनकर डॉक्टरों ने उससे कहा कि इस मामले में कोर्ट की इजाजत से ही स्पर्म लिया जा सकता है, इसलिए कोर्ट की मंजूरी लानी पड़ेगी।

मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टरों के द्वारा दी गई सलाह के बाद उस मरीज की पत्नी ने वकील किया और उसके माध्यम से गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी इच्छा व्यक्त की थी। पत्नी में याचिका में कहा था कि “मेरे पति मृत्यु शैया पर हैं। मैं उनके स्पर्म से मां बनना चाहती हूं लेकिन कानून में इसकी इजाजत नहीं है। हमारे प्यार की अंतिम निशानी के रूप में मुझे पति के स्पर्म दिलवाने की कृपा करें।”

मरीज की पत्नी के द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका जब जज ने देखी तो वह भी आश्चर्यचकित हो गए। इस याचिका पर कोर्ट ने कुछ देर विचार किया और आखिर में महिला के मन में पति के प्रति प्यार और कानून में आस्था को देखते हुए तुरंत पति के स्पर्म को एकत्रित करने का आदेश डॉक्टरों को दे दिया। आपको बता दें कि मृतक की पत्नी के वकील ने शुक्रवार सुबह कोरोना संक्रमित की मृत्यु की जानकारी दी थी।

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