धार्मिक

प्रेरक प्रसंग: मात्र प्रवचन सुनने से कोई अच्छा इंसान नहीं बनता है, इनका पालन करना भी जरूरी है

गौतम बुद्ध के साथ कई सारी कथाएं जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि गौतम बुद्ध अक्सर लोगों को उपदेश किया करते थे और उन्हें सही मार्ग दिखाया करते थे। गौतम बुद्ध जब भी कहीं जाते थे। तो वहां के लोगों को तीन या चार दिनों तक उपदेश दिया करते थे। एक कथा के अनुसार गौतम बुद्ध एक दिन अपने शिष्यों के साथ एक गांव में जाते हैं। इस गांव में गौतम बुद्ध कुछ दिनों के लिए रुक जाते हैं और रोज शाम को अपने शिष्यों को उपदेश देते हैं। वहीं जैसे ही गांव वालों को ये बात पता चली, वो भी गौतम बुद्ध द्वारा दिए जाने वाले उपदेश सुनने के लिए आ जाते हैं।

एक व्यक्ति रोज गौतम बुद्ध के उपदेश सुनने आता है। एक दिन गौतम बुद्ध का उपदेश खत्म होने के बाद ये व्यक्ति उनसे कहता है कि, आप रोज हमें अच्छे उपदेश देते हैं और मैं रोज आपके उपदेश सुनने के लिए आता हूं। लेकिन आपके उपदेशों का असर मेरे पर नहीं हो रहा है। इनको सुनने के बाद भी मैं अच्छा व्यक्ति नहीं बन पाया हूं।

ये बात सुनकर गौतम बुद्ध मुस्कुराते हैं और उस व्यक्ति से पूछते हैं कि तुम्हारा नाम क्या हैं। ये व्यक्ति अपना नाम गौतम बुद्ध को बताता हैं। इसके बाद गौतम बुद्ध इससे पूछते हैं कि तुम क्या इस गांव के रहने वाले हो। व्यक्ति कहता है नहीं, मैं दूसरे गांव से आया हूं। गौतम बुद्ध एक ओर सवाल करते हुए उससे पूछते हैं कि तुम अपने गांव कैसे जाते हो। व्यक्ति गौतम बुद्ध को बताता है कि वो पैदल अपने गांव जाता है।

गौतम बुद्ध फिर व्यक्ति से पूछते हैं कि तुम्हें रोज गांव से यहां आने में कितना समय लग जाता है। व्यक्ति कहता है, मुझे काफी समय यहां आने में लग जाता है। लेकिन दुख की बात ये है कि इन उपदेशों को सुनने के बाद भी मैं अच्छा इंसान नहीं बन पा रहा हूं।

व्यक्ति की पूरी बात सुनने के बाद गौतम बुद्ध उससे कहते हैं कि तुम रोज मेरे उपदेशों को सुनने के लिए यहां आते हो। क्या तुम यहां बैठे-बैठे अपने गांव पहुंच सकते हो? व्यक्ति हंसते हुए बोलता है, ये कैसे हो सकता है। बिना चले में अपने गांव तक कैसे पहुंच सकता हूं।

तब गौतम बुद्ध व्यक्ति को समझाते हुए कहते हैं, जिस तरह से तुम चलने पर ही अपने गांव वापस जा सकते हो। उसी तरह से मेरे प्रवचन सुनने के बाद अगर उनका पालन करोगे, तभी अच्छे इंसान बन सकते हो। केवल प्रवचन सुनने से कोई भी अच्छा इंसान नहीं बनता है। प्रवचन सुनने का फल तभी मिलता है, जब आप उन्हें अपने जीवन में उतारे हो।

गौतम बुद्ध की बात सुनने के बाद व्यक्ति समझ जाता है कि जो भी प्रवचन वो सुनता है, उनका पालन करने पर ही वो अच्छा इंसान बन सकता है। मात्र प्रवचन सुनने से अच्छा इंसान नहीं बना जा सकता है।

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