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दहेज प्रताड़ना की तरह रेप का इल्जाम लगाना बन गया आम चलन: दिल्ली कोर्ट

दहेज प्रताड़ना से जुड़े हुए मामले आए दिन दर्ज होते रहते हैं परंतु कई बार ऐसे भी मामले सामने आ जाते हैं, जिसमें गलत तरीके से दहेज प्रताड़ना के केस में फंसाया जाता है। दहेज प्रताड़ना की तरह ही अब इसी तरह के दुष्कर्म के केस में भी कई ऐसे मामले हैं, जहां अगर किसी बात को लेकर वाद-विवाद हो जाता है तो तुरंत ही झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाकर फंसा दिया जाता है।

आजकल के समय में दहेज प्रताड़ना की तरह ही दुष्कर्म का आरोप लगाना भी आम चलन बन चुका है, जो एक बेहद चिंता का विषय है। लोग अक्सर झूठे आरोपों में बेकसूर को फंसा देते हैं। इसी तरह के चलन को देखते हुए पारिवारिक विवाद के एक मामले में दिल्ली की अदालत ने सख्त टिप्पणी की है।

बता दें कि हाल ही रोहिणी कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत के द्वारा यह कहा गया है कि दहेज प्रताड़ना के आरोप की तरह ही दुष्कर्म का इल्जाम लगाना आम चलन हो गया है। पीड़िता को अपने साथ हुए दुष्कर्म की तारीख, समय और स्थान तक का पता नहीं है, लेकिन इस बात पर अड़ी है कि देवर ने बलात्कार किया है। अदालत ने प्रथम दृष्टया इस मामले को आपसी मनमुटाव का माना है। जिसके बाद मामले में कोर्ट ने आरोपी देवर को जमानत दे दी है।

दरअसल, अदालत के सामने एक ऐसा के सामने आया था जिसमें भाभी ने देवर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने कहा कि दहेज प्रताड़ना के आरोप की तरह ही रेप का इल्जाम लगाना आम चलन हो गया है। रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत ने आरोपी देवर को जमानत दे दी है। अदालत ने कहा है कि पीड़िता से पूछा गया कि जब वह पिछले छह साल से पति व ससुराल से अलग रह रही है तो उसके साथ बलात्कार कब हुआ। इसका जवाब पीड़िता के पास ही नहीं था।

कोर्ट को लग रहा है कि पारिवारिक मनमुटाव की वजह से महिला अपने देवर पर दुष्कर्म का आरोप लगा रही है। जबकि उसके पास किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं है। महिला के पास सवालों का जवाब भी नहीं है। ऐसी स्थिति में इस मामले में देवर को बिना साक्ष्य के दोषी नहीं ठहराया जा सकता। आरोपी देवर के वकील प्रशांत मनचंदा ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता महिला व आरोपी के भाई की शादी साल 2006 में हुई थी। कुछ दिनों के बाद ही दोनों के बीच वाद-विवाद रहने लगा था।

साल 2007 में पुलिस को पहली शिकायत की गई। इसके बाद कभी दहेज प्रताड़ना तो कभी अन्य कोई आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया। इस मामले में पति-पत्नी के बीच पिछले 15 साल से विवाद चल रहा है। इस बीच महिला की तरफ से दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, गुजाराभत्ता समेत कई सारे मुकदमे पति व ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज कराए हैं।

अब इसी बीच हाल ही में महिला ने 11 जनवरी 2022 को देवर के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने देवर को 17 जनवरी 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से वह न्यायिक हिरासत में जेल में है।

बताते चलें कि कई बार ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जहां महिलाओं ने दहेज प्रताड़ना या दुष्कर्म के मामले में केस दर्ज कराया है और इन सबके पीछे आपसी विवाद प्रमुख कारण रहा है। परंतु इसी वजह से सही मामले की सुनवाई में भी दिक्कत होती है।

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