अजब ग़जब

मेले में 22 लाख का भैंसा देख हर कोई हुआ हैरान, इतनी कीमत की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में इन दिनों ददरी मेला चल रहा है। जिसमें भैंसों को बेचा और खरीदा जा रहा है। इस मामले में दूर-दूर से लोग आते हैं और भैंस खरीदा व बेचा करते हैं। हाल ही में इस मेले में काजू, किसमिस, सेव और केला खाने वाली पांच लाख की भैंस आई थी। इस भैंस की कीमत सुनकर हर कोई हैरान हो गया था। वहीं अब इस मेले में 22 लाख का भैंसा भी आ गया।

भैंसे की कीमत सुनकर हर किसी के छक्के उड़ गए हैं और हर कोई यहीं सोच रहा है कि आखिर इस भैंसे में ऐसा क्या है कि इसकी कीमत 22 लाख रुपये रखी गई है। बताया जा रहा है कि 22 लाख का ये भैंसा पशु चारा के साथ-साथ मक्के का भात भी खाता है। भैंसा पालक इसके सिमन्स का कारोबार भी करता है। इतना ही नहीं इस भैंसे का मालिक एक भैंस को गर्भवती करने के लिए पांचसो रुपये वसूलता है। जिसकी वजह से इस भैंसे की कीमत 22 लाख रुपये रखी गई है।

इस भैंसे का मालिक जनपद के मनियर थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है और उसका नाम हृदयानंद यादव है। हृदयानंद यादव के मुर्रा भैंसा की कीमत 22 लाख रुपये है। हृदयानंद यादव ने बताया कि भैंसा के साथ एक अन्य भैंस भी हैं, जो 6 लीटर दूध देती हैं। उसकी कीमत 40 हजार रुपये की है।

इस वजह से है 22 लाख कीमत

हृदयानंद यादव के अनुसार उनके भैसें ने गांवों की जितनी भैंसों को गर्भवती किया है, सबने पड़िया को ही जना है। यही कारण है कि गांव के अलावा दूर दराज के क्षेत्रों के लोग उनके यहां भैंसों को गर्भाधान के लिए लाते हैं। हृदयानंद यादव ने बताया कि मसलन, बेरुआरबारी, दुर्गीपुर, बांसडीह, किर्तुपुर, दितौनी आदि गांवों के पशुपालक वाहन से अपनी भैसों को गर्भाधान के लिए उनके घर छोड़ जाते हैं।

हृदयानंद यादव ने इस भैंसे को इसी मेले से चार साल पहले खरीदा था। पशुपालक ने बताया कि इसी मेला से चार वर्ष वो बीस हजार रुपये में एक भैंस खरीदकर ले गये थे। जिसके साथ ये बच्चा भी था। आमतौर पर भैंस के पाड़े को बेच देते हैं। लेकिन हृदयानंद यादव ने इसे पालने का निर्णय किया और चोकर और मक्का का भात खिलाकर इसे हृष्टपुष्ट बनाया। एक भैंस को गर्भवती करने के लिए अब ये पांच रुपये लेता है।

ददरी मेला के नंदीग्राम में छठवें दिन यानी शुक्रवार को नगर पालिका को 1 लाख 66 हजार 750 रुपये की आमदनी हुई है। जिसमें 43 हजार 750 रुपये गाय, बैल व भैंस की बिक्री से। जबकि घोड़े की बिक्री से 2250 रुपये की आमदनी हुई। इसके अलावा पशुओं के पंजीकरण से 39 हजार, वाहनों के पंजीकरण से 300 रुपये, गदहा बाजार से 81 हजार और अन्य से 450 रुपये की आय हुई।

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