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नार्कों टेस्ट के बाद अब CBI की जांच से भी भाग रहा है पीड़िता का परिवार, बना रहा है कई बहाने

हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्रीय सरकार से की है। साथ में ही पीड़िता के परिवार वालों और आरोपियों का नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट कराने का फैसला भी किया गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि पीड़िता के परिवार वाले इस मामले में सीबीआई की जांच नहीं चाहते हैं और ना ही नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट करवाने के पक्ष में हैं। जबकि आरोपी पक्ष सरकार द्वारा सीबीआई की जांच करवाने के फैसले से खुश हैं और साथ में ही नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट का भी समर्थन कर रहे हैं। ये पहला ऐसा मामला होगा जिसमें पीड़ित पक्ष को सीबीआई और नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट करवाने से आपत्ति हो रही है।

दरअसल हाथरस में 14 सितंबर की वारदात का सच जानने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। क्योंकि इस केस में कई सारे एंगल सामने आ रहे हैं। मृतका के परिवार वालों का कहना है कि उनकी बेटी के  साथ रेप किया गया था और उसके बाद उसे बुरी तरह से मारा गया है। जबकि आरोपियों ने रेप की बात से इंकार किया है। इतना ही नहीं पीड़िता ने मरने से पहले दो बयान दिए थे। जिसमें से एक बयान में पीड़िता ने रेप की बात का जिक्र नहीं किया था। वहीं दूसरे बयान में पीड़िता ने रेप की बात कही थी। ऐसे में ये मामला एकदम उलझा हुआ है और सच क्या है ये जानने के लिए सीबीआई से जांच करवाई जा रही है। लेकिन पीड़िता के परिवार वाले सीबीआई की जांच का विरोध कर रहे हैं।

पीड़िता के परिवार वाले एक तरफ अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कह रहे हैं कि वो सीबीआई नहीं बल्कि किसी जज के अधीन ये केस की जांच चाहते हैं। इसके अलावा नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट कराए जाने पर भी परिवार वालों ने आपत्ति जताई है और कहा है कि वो झूठ नहीं बोल रहे हैं। इसलिए वो नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट नहीं करवाएंगे।

जिस तरह से पीड़िता के परिवार वाले सीबीआई की जांच, नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट से आपत्ति जता रहे हैं, इससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं दूसरी और आरोपी पक्ष सीबीआई, नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट के पक्ष में हैं। आरोपी पक्ष का कहना है कि वो बस ये चाहते हैं कि सच सामने आए।

दोनों तरफों से की जाए कार्रवाही

हाथरस केस के आरोपियों के पक्ष में खड़े लोग एक तरफा कार्रवाई ना हो इसकी मांग सरकार से कर रहे हैं। एक तरफा इस मामले की जांच ना हो इसके लिए शुक्रवार को आरोपी पक्ष की और से प्रदर्शन भी किया गया था।

दोनों परिवारों में है गहरी दुश्मनी

पीड़िता और आरोपी के परिवार वालों के बीच गहरी दुश्मनी बताई जा रही है। कहा जाता है कि पीड़िता के परिवार वालों ने एक आरोपी संदीप के पिता पर कई सालों पहले एससी/एसटी ऐक्‍ट और मारपीट की एफआईआर लिखाई थी और तभी से इन दोनों परिवार के बीच में दुश्मनी शुरू हो गई थी। पीड़िता के परिवार वाले इसी दुश्मनी का हवाला देते हुए ये दावा कर रहे है उनकी बेटी से इस दुश्मनी का बदला लिया गया है।

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