पुलिस वैन से चिल्ला कर अर्नब बोले- मेरी जान खतरे में है, मुझ से मारपीट कर रहे हैं.. देखें Video
‘मेरी लाइफ खतरे में है, मेरी लाइफ खतरे में है, प्लीज भारत के लोगों को बता दो.. मेरी लाइफ खतरे में है।’ ये रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के कुछ शब्द थे जो उन्होंने पुलिस वैन से चिल्लाते हुए बोले थे। अर्नब का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पीटा है और अब उनकी जान खतरे में है। चार नवंबर को गिरफ्तार हुए अर्नब को पुलिस ने इस रविवार अलीबाग जेल से तलोजा जेल में शिफ्ट किया है।
इस दौरान अर्नब को काली स्क्रीन से लेस पुलिस वैन में ले जाया गया ताकि कोई उन्हें देख न लें। हालांकि जब अर्नब को वैन की खिड़की से कुछ शब्द बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा ‘मेरी जान खतरे में हैं। मुझे अपने वकीलों से बातचीत नहीं करने दिया जा रहा है। मुझे आज सुबह धक्का दिया गया और मारा पीटा गया। उन्होंने मुझे सुबह 6 बजे जागा दिया। वे कहते हैं कि मैं अपने वकील से बात नहीं कर सकता हूं। मैं देश की जनता तो बताना चाहता हूं कि मेरी जान खतरे में है।’
“My life is under threat. My life is under threat. Not being allowed to speak to lawyers. They assaulted me this morning. Woke me up at 6am, said I can’t speak to my lawyers. Please tell people of India my life is under threat”: ARNAB GOSWAMI #LIVE https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/45DZ9KNaUm
— Republic (@republic) November 8, 2020
गौरतलब है कि अर्नब को बुधवार सुबह 7:45 पर इंटीरियर डिजायनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। यह 2018 का मामला है। आरोप है कि अर्नब गोस्वामी, फिरोज शेख और नितेश सारदा ने इंटीरियर डिजायनर को उसके काम के बदले लाखों रुपए का पेमेंट नहीं किया था जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली थी। गिरफ़्तारी के बाद अर्नब अलीबाग मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए थे जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हालांकि 4 दिन अलीबाग जेल में रहने के बाद आज रविवार उन्हें तलोबा जेल में शिफ्ट किया गया। तलोबा जेल के एसपी कौस्तुभ कुरलेकर के अनुसार अर्नब को बैरक में शिफ्ट करने से पहले कुछ दिन जेल के अंदर बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। उधर दूसरी तरफ शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि वे जल्द ही आदेश सुनने का प्रयास करेंगे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि अर्नब चाहे तो जमानत के लिए सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।
वहीं अर्नब के वकीलों ने उच्च न्यायालय में आरोप लगाए कि राज्य सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि अर्नब ने उनकी कमियों को उजागर किया था। उनके खिलाफ कई सवाल खड़े किए थे इस कारण उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।