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मां की मृत्यु के बाद भी गर्भ में धड़क रहा था बच्चे का दिल, डॉक्टरों ने सूझबूझ से बचा ली जिंदगी

डॉक्टर को पूरी दुनिया में भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, ये इसलिए क्योंकि डॉक्टर जीवन के रक्षक होते हैं। छोटी से लेकर बड़ी बीमारी के इलाज के लिए लोग डॉक्टर के पास ही जाते हैं और उस बीमारी का इलाज कर डॉक्टर लोगों को एक नया जीवन प्रदान करते हैं। वैसे देखा जाए तो डॉक्टर का पेशा बहुत कठिन माना गया है। कई बार डॉक्टरों के पास कई ऐसे भी मामले आ जाते हैं, जिनको संभाल पाना उनके लिए चुनौती बन जाती है।

डॉक्टर्स के सामने चाहे कितना भी बड़ा मामला क्यों ना आ जाए। वह अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं और मरीज को एक नई जिंदगी देते हैं। इसी बीच कर्नाटक के गाडग जिले से एक मामला सामने आया है, जहां पर डॉक्टर्स और अस्पताल स्टाफ ने गर्भ में पल रहे एक बच्चे को जीवनदान दिया है। यहां के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने मृत गर्भवती महिला के गर्भ से सुरक्षित बच्चा निकाल लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुशीगेरी गांव की रहने वाली गर्भवती महिला अन्नपूर्णा अब्बीगेरी (Annapurna Abbigeri) को घर में अचानक दो बार एप्लेप्टिक सीज़र्स (Epileptic Seizures) आया, जिसके बाद परिजन बहुत ज्यादा घबरा गए। ऐसी स्थिति में महिला को तुरंत ही घर वाले अस्पताल ले गए। सरकारी अस्पताल के स्टाफ ने मुशीगेरी गांव, रॉन तालुक की अन्नपूर्णा अब्बीगेरी को जिला अस्पताल ले जाने की हिदायत दी, तब अन्नपूर्णा अब्बीगेरी को एंबुलेंस से डन्डप्पा मानवी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर का स्तर गिरने लगा, जिसके चलते उसकी जान चली गई।

जब महिला को अस्पताल लेकर पहुंचा गया तो वहां पर डॉक्टरों की टीम ने उसकी जांच की, तो उन्होंने पाया कि उस महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन अभी चल रही है। इसके बाद जिला अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम जिसमें डॉ. विनोद, डॉ. जयराज, डॉ. किथन और डॉक्टर स्मृति शामिल थे, उन्होंने तुरंत ही अपनी सूझबूझ दिखाते हुए परिवार से अनुमति लेकर अगले 15 मिनट में ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को सही सलामत जीवित गर्भ से बाहर निकाल लिया। मृतक की मां ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है।

इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासनिक अधिकारी बासनगौड़ा कारगीगौड़ा का ऐसा कहना है कि “यह बहुत ही दुर्लभ उपलब्धि है। डॉक्टर्स की टीम ने तेजी से काम किया। जब उन्हें यह पता लगा कि गर्भ में पल रहे बच्चे के दिल की धड़कन चल रही है, तो उन्होंने मृत महिला के गर्भ में से ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को बाहर निकालने का जोखिम भरा फैसला लिया। परिवार वालों ने भी डॉक्टर्स की बात को समझ लिया और हालात को समझने के बाद उन्होंने इसकी अनुमति दे दी।”

भले ही इस पूरी घटना की वजह से मृत महिला अन्नपूर्णा अब्बीगेरी के पति वीरेश बहुत ज्यादा दुखी और टूट चुके थे परंतु उनको खुशी भी हुई थी। उनका कहना है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ऐसे हालात का सामना किसी और को नहीं करना पड़े। उन्होंने अपनी नम आंखों से कहा कि हमारी एक साल पहले ही शादी हुई थी और हमने जिंदगी के इस नए सफर की अभी शुरुआत ही की थी। वीरेश ने अपनी बेटी की जिंदगी खुशियों से सजाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारी बेटी की जिंदगी बहुत बेहतर होगी।

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