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अस्पताल से सामने आया लता दी का आखिरी Video, चलना-फिरना भी हो गया था मुश्किल, ऐसी हो गई थी हालत

हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर जी का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लता जी कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद उन्हें निमोनिया भी हो गया। आखिर में स्वर कोकिला मौत से जंग हार गईं। लता मंगेशकर जी के निधन की खबर सुनने के बाद देश-दुनिया में शोक की लहर है।

अब इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो लता जी के अस्पताल से सामने आया आखिरी वीडियो है, जिसमें देखा जा सकता है कि स्वर कोकिला सहारा लेकर चलती हुई दिख रही हैं।

आपको बता दें कि लता मंगेशकर जी ने अपनी शानदार आवाज से लंबे समय तक दर्शकों के दिलों को जीता है। उनकी सुरीली आवाज के दुनिया भर में दीवाने हैं। लता मंगेशकर जी ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी आवाज दी है। उन्होंने जिस-जिस गाने को गाया है वह सुपरहिट साबित हुआ है। लता जी ने जो मुकाम हासिल किया है वह किसी फीमेल सिंगर के लिए हासिल करना आसान नहीं है।

अस्पताल के सामने आया आखिरी वीडियो

जब लता जी के निधन की खबर सामने आई तो हर कोई बेहद दुखी हो गया। लता जी के निधन के बाद हर कोई उनके जाने का गम मना रहा है। आम लोगों के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्स तक ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। आप सभी लोग इस वीडियो में देख सकते हैं कि लता मंगेशकर जी सहारा लेकर चलती हुई दिखाई दे रही हैं।

दरअसल यह वीडियो तब का है, जब उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया था। इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि लता जी की हालत बहुत ज्यादा खराब है। वह बिना सहारे के चलना-फिरना नहीं कर पा रही थीं। वीडियो में देख सकते हैं कि दो महिलाएं उन्हें पकड़कर धीरे-धीरे चलाते हुए दिखाई दे रही हैं।

 

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लता मंगेशकर जी ने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली और उनका अंतिम संस्कार शाम को शिवाजी पार्क में किया गया। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी विशेष रूप से पहुंचे थे।

अपने गाने सुनने से डरती थीं लता

लता मंगेशकर जी की आवाज इतनी सुरीली है कि आज भी उनकी आवाज कानों में मिश्री घोल देती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लता जी खुद अपने ही गाने सुनने से डरती थीं। जी हां, यह बात वॉइसओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी ने बताया था।

उन्होंने कहा था कि जब वह अपने ही गाने सुनती थीं, तो वह अपनी ही गलतियां पकड़ लेती थी और इसी वजह से वह काफी दुखी हो जाती थीं। उन्हें लगता था कि अगर बड़े-बड़े संगीतकार उनके गाने सुनेंगे तो क्या सोचेंगे।

अपने अंतिम पलों में यह कर रही थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी

आपको बता दें कि लता मंगेशकर जी अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से बहुत प्यार करती थीं और उनका सम्मान करती थीं। लता मंगेशकर जी एक महीने से अस्पताल में भर्ती थीं और उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी लेकिन अपने आखिरी वक्त में लता मंगेशकर जी क्या कर रही थीं। इस विषय में वॉइसओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी ने बताया।

हरीश ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने उन्हें बताया कि लता जी अपने अंतिम दिनों में अपने पिता के गाने गुनगुनाने की कोशिश कर रही थीं। उन्हें डॉक्टर ने मास्क हटाने के लिए मना किया था लेकिन फिर भी मास्क हटाकर अपने पिता की तरह गाना गाने की कोशिश कर रही थीं। लता जी अपने पिता को अपना गुरु मानती थीं। निधन से 2 दिन पहले अस्पताल में उन्होंने ईयरफोन मंगवाया था।

2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

आपको बता दें कि लता मंगेशकर जी ने महज 13 वर्ष की उम्र में 1942 में अपना करियर शुरू किया था और विभिन्न भारतीय भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए। अपने 7 दशक से भी अधिक करियर में उन्होंने अजीब दास्तान है ये, प्यार किया तो डरना क्या, नीला आसमां सो गया और तेरे लिए… जैसे कई यादगार गानों में अपनी आवाज दी।

लता मंगेशकर जी के निधन के बाद 2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया। वहीं कुछ राज्यों में सोमवार को सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया है।

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