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टूथपेस्ट, साबुन जैसा रोजमर्रा का सामान लेकर दिल्ली आए हैं किसान, कहा- 6 महीने की है पूरी तैयारी

मंगलवार को केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ बैठक की थी। जो कि करीब 4 घंटे तक चली थी। ये बैठक बेनतीजा रही है और अब अगली बैठक 3 दिसंबर को होने वाली है। इसी बीच किसान अपनी जिद पर आड़े हुए हैं। किसानों ने दिल्ली सीमा से लगे बॉर्डरों को घेर लिया है और पंजाब, यूपी, हरियाणा सहित कई राज्यों से भारी संख्या में किसान दिल्ली आ रहे हैं।

किसान नेता ये साफ कर चुके हैं कि वो तब तक ये आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक सरकार उनकी सभी शर्तों को मान ना लें और तीन कृषि कानूनों को वापस ना ले ले। किसानों ने अपनी शर्तों को मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्च खोलते हुए दिल्ली को चारों ओर से घेरने की रणनीति बनाई है और लंबी लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

दिल्ली आ रहे किसान अपने साथ काफी सारे कपड़े, ट्रॉलियों में राशन, टूथपेस्ट, साबुन और कपड़े धोने के लिए डिटर्जेंट इत्यादि सामान लेकर आए हैं। इसके अलावा बॉर्डरों पर किसानों के लिए एंबुलेंस और डॉक्टरों का भी इंतजाम किया गया है। किसानों का एक समूह तो कपूरथला से अपने साथ एंबुलेंस, एक डॉक्टर और दवाओं का पूरा कार्टन भी लेकर आया है। ताकि स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर उन्हें तुरंत इलाज मिल जाए।

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान भारी मात्रा में जमा हो गए हैं और इस बॉर्डर पर कई सारे ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी लाइनें लगी हुई है। तिरपाल से ढके ट्रॉली में राशन, दवाएं, ईंधन अन्य सामान रखे हुए हैं। किसान रात को सड़क के किनारे बैठकर अपने लिए खाना भी बना रहे हैं और सोने के लिए बिस्तर लगा रहे हैं। यानी साफ है कि किसानों अपने साथ रोजमर्रा का सामना लेकर आए हैं।

मिनरल वॉटर रखा है साथ

किसानों ने पीने के पानी का भी इंतजाम कर रखा है और अपने साथ मिनरल वॉटर लेकर आए हैं। वहीं कोरोना को देखते हुए किसानों को मास्क भी बांटे जा रहा है। कई जगह सामुदायिक रसोइयां भी लगाई गई है, जहां पर किसानों के लिए खाना बनाया जा रहा है। किसानों के अनुसार वो अपने साथ 6 महीने का राशन लेकर आए हैं और लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।

किसान संगठनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं हैं। तब तक ये आंदोलन चलते रहेगा और आने वाले समय में वो दिल्ली की हर सड़क को बंद कर देंगे। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने कल किसानों के नेताओं के साथ बैठक की है। इस बैठक में 35 किसान नेताओं ने भाग लिया था। सरकार की तरफ से वार्ता की अगुवाई कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने थी और उन्होंने किसानों को कहा कि वो एक कागज पर अपनी सारी मांग लिखकर दें दें। अब अगली बैठक तीन दिसंबर को होनी है।

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