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UP के ऊर्जामंत्री ने शुरू की नई मुहिम, गाड़ी को त्याग अब साइकिल से करते हैं ऑफिस तक का सफर

उत्तर प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। जिसके तहत ये राज्य के लोगों को साइकिल का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा आजकल खुद भी साइकिल का ही प्रयोग कर रहे हैं और ये अपने दफ्तर साइकिल से ही जा रहे हैं।

मंत्री जी इन दिनों लखनऊ के कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से हजरतगंज स्थित दफ्तर शक्तिभवन तक साइकिल में जाते हैं। इनके अनुसार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ये साइकिल का प्रयोग कर रहे हैं। इन्होंने कहा कि ऐसा करने से हम अपने बच्चों को बेहतर वायु दे सकते हैं और प्रदूषण को कम कर सकते हैं।

लोगों से अपील करते हुए इन्होंने कहा कि हम साइकिल को सवारी बना सकते हैं। जिन लोगों का दफ्तर उनके घर के पास है वो लोग साइकिल का प्रयोग करें।  दफ्तर, प्रतिष्ठान या कोई काम 5 किमी के दायरे में है, तो साइकिल के जरिए जाएं।

मंत्री जी ने कहा कि वायु प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ आम लोगों की भी है और हमें आने वाली पीढ़ी को बेहतर पर्यावरण देना चाहिए। प्रदूषण मुक्त भारत के इस अभियान में हम चाहते हैं कि सभी लोग इसमें सहभागी बनें। इसके लिए लोग साइकिल का प्रयोग करें।

बैटरी की साइकिल से करें सफर

इन्होंने कहा कि काफी लोग पैडल चलाते हुए थक जाते हैं। लेकिन आजकल बैटरी चलित साइकिल मिल रही है। जिसका प्रयोग करने से थकान नहीं होती है। मंत्री जी खुद भी बैटरी चलित साइकिल का प्रयोग करते हैं। इनकी साइकिल 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है और एक बार बैटरी फुलचार्ज होने पर 25 किमी की दूरी तय कर सकती है।  साइकिल आसानी से 100 किलो तक का वजन भी ले सकती है।

दरअसल आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। बाजार में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और 4 व्हीलर आ गए हैं। जिनका इस्तेमाल करने से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

गौरतलब है कि इस समय दिल्ली व दिल्ली के आसपास के इलाकों में काफी प्रदूषण हो रहा है। जिसके कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है और वायु का स्तर काफी खराब हो चुका है। इसी बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लोगों से अपील की जा रही है कि वो वाहनों की जगह साइिकल या फिर मेट्रो का इस्तेमाल करें। ताकि वायु प्रदूषण कम हो सके।

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