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इन हरकतों की वजह पति-पत्नी के रिश्तों में आ जाती है दरार, भूलकर भी न करें ये गलतियां

एक अच्छा जीवनसाथी वही होता है, जो अपने पार्टनर की भावनाओं को समझता है, उसे सम्मान देता है, उसे नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करता और बेवजह किसी बात को लेकर बखेड़ा खड़ा नहीं करता. एक शादीशुदा जीवन सफल तभी हो पाता है, जब आपके अपने पार्टनर से मधुर रिश्ते होते हैं. आज की इस स्टोरी में हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिसकी वजह से अक्सर रिश्तों में खटास आ जाती है.

न करें दोस्तों व रिश्तेदारों से बुराई

कई बार ऐसा देखा जाता है जब लोग अपने पार्टनर के बारे में अपनी सहेली, दोस्तों या फिर रिश्तेदारों से डिस्कशन करने लगते हैं. यदि आपकी भी यही आदत है तो इसे तुरंत बदल डालें. जब आप दूसरे लोगों से अपने पार्टनर की बुराई करेंगे तो लोग भी उसे एक बुरा इंसान ही समझेंगे और आपको आये दिन अपने पार्टनर की बुराई सुनने को मिलेगी. ऐसे में आपके भी सोचने का तरीका नकारात्मक हो सकता है, जिसकी वजह से लड़ाई-झगड़े होने लगते हैं.

बंद करें पास्ट की गलतियों को गिनाना

आपस में झगड़ा होना आम बात है, लेकिन प्रॉब्लम तब होने लगती है, जब झगड़े के समय लोग अपने पार्टनर की पास्ट की गलतियों को गिनाने लगते हैं. यदि झगड़े में आप पिछली गलतियों को गिनाने लगेंगे तो झगड़े कभी खत्म नहीं होंगे. इसलिए बेहतर यही होगा कि पुरानी बातों को भूल जाएं और झगड़ों में कभी भी पास्ट की गलतियों का जिक्र न करें.

एक-दूसरे से बातचीत बंद कर देना

कोई भी रिश्ता कामयाब तभी हो पायेगा जब एक गुस्से में हो तो दूसरा शांत रहे. यदि दोनों का ही सिर गर्म होगा और दोनों ही अपने गुस्से पर काबू नहीं रखेंगे तो बात खत्म होने की बजाय और बढ़ती जाएगी. इसलिए जब एक गुस्से में हो तो दूसरे के चुप रहने में ही भलाई है. हालांकि, चुप्पी ज्यादा समय तक बरकरार न रखें. कुछ समय बाद जब माहौल ठंडा हो जाए तब एक-दूसरे से बात कर समस्या का समाधान निकालें.

एक-दूसरे के पेरेंट्स की इज्जत न करना

कोई भी अपने माता-पिता की बुराई सुनना पसंद नहीं करता. ऐसे में ये बेहद जरुरी हो जाता है कि आप अपने पार्टनर के माता-पिता को भी उतना ही सम्मान दें, जितना आप अपने माता-पिता को देते हैं. यदि आप एक-दूसरे के पेरेंट्स की इज्जत नहीं करेंगे तो बात लड़ाई में बढ़ेगी और रिश्ते में खटास आनी शुरू हो जाएगी. ऐसे में एक-दूसरे के पेरेंट्स के प्रति सम्मान की भावना रखें.

जीवनसाथी की तुलना

कभी भी अपने जीवनसाथी की तुलना किसी दूसरे के जीवनसाथी से न करें. सभी इंसान एक-दूसरे से अलग होते हैं और सभी की अपनी एक खूबी होती है. संभव है कि दूर से जिसका स्वभाव आपको अच्छा लग रहा हो, असल जिंदगी में वो वैसा हो ही नहीं. इसलिए भूलकर भी अपने पार्टनर की तुलना किसी और से करने की गलती न करें.

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