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मां तुम सबसे अच्छी हो, पर मैं मजबूत नहीं, माफ़ करना.. लिख कर छत से कूद गया दसवीं का छात्र

छोटी छोेटी बातों पर बच्चों पर इस कदर असर हो जाता है कि वे सुसाइड तक करने के बारे में सोच लेते हैं। आज कल इस तरह के मामलों  में कुछ ज्यादा ही बढ़ोतरी देखने को मिली है। जहां बच्चों में सुसाइड जैसे ख्याल आते हैं। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद से भी सामने आया है। यहां एक 16 साल के बच्चे ने अपनी ही सोसायटी की छत से कूदकर जान दे दी।

इस बच्चे ने अपनी मां के नाम नोट भी लिखा है। इस नोट में इस बच्चे ने अपने स्कूल प्रबंधन को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया हैै। दरअसल मामला ग्रेटर फरीदाबाद की डिस्कवरी सोसायटी का है। इस सोसायटी में गुरुवार रात एक दसवीं के छात्र ने छत से कूूदकर अपनी जान दे दी। इस छात्र की उम्र मात्र 16 साल बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह छात्र डिस्कवरी सोसायटी में अपनी मां के साथ रहता था। यह छात्र ग्रेटर फरीदाबाद के डीपीएस स्कूल की दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था।

स्कूल में थी मां ने शिकायत

इसकी मां भी इसी स्कूूल में बच्चों को पढ़ाती है। इस छात्र की मां का आरोप है कि स्कूल के लड़के उसके बेटे को गे बुलाते थे। जिसके कारण उनका बेटा डिप्रेशन में आ गया था। दिल्ली में उसका डिप्रेशन का इलाज भी किया जा रहा था। मां का कहना है कि स्कुल के लड़के उनके बेटे को गे कह कर अक्सर प्रताड़ित करते थे। जिसके लिए उन्होंने कई बार स्कूल प्रबंधन को शिकायत की, लेकिन स्कूल ने किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया।

सिर्फ यहीं नहीं छात्र की मां का यह भी कहना है कि स्कूल प्रबंधन का भी उसके बेटे के प्रति रवैया ठीक नहीं था। 23 फरवरी को छात्र की विज्ञान की परीक्षा थी। जिसके लिए कुछ सवालों के लिए उसने अपनी हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता से मदद मांगी। लेकिन ममता गुप्ता ने उसकी मदद करने की जगह उसे डांट दिया औैर कहा कि वह बीमारी का फायदा उठा रहा है।

15 वीं मंजिल से छात्र ने कूदकर दी जान

छात्र की मां अरोप लगाते हुए कहा है कि उसके बेटे को इस कदर डांटा गया था कि वह काफी घबरा गया था यहां तक की वह स्कूल भी नहीं जाना चाहता थ। लेकिन मां के समझाने पर अगले दिन वह स्कूल गया। जिसके बाद गुरुवार की ही रात को छात्र ने सोसायटी की 15वीं मंजिल की छत से करीब रात 10 बजे कूदकर जान दे दी।

इस दौैरान छात्र की मां अपने पिता को दवाई देने के लिए उनके घर गई हुई थी। छात्र के छत से कूदने के बाद सोसायटी के दूसरे सदस्य छात्र को अस्पताल लेकर गए। औैर उसकी मां को भी फोन कर इस घटना की सूचना दी। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर्स ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। छात्र ने सुसाइड से पहले घर में एक नोट लिख कर छोड़ा था। जो कि पुलिस को छानबीन के दौरान मिला है। सुसाइड के बाद छात्र की मां ने स्कूल प्रबंधन को छात्र की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की है। छात्र ने अपने सुसाइड नोट में स्कूल को जिम्मेदार बताया है।

पुलिस के हाथ लगा छात्र का सुसाइड नोट

इस नोट में छात्र ने अपनी मां के नाम लिखते हुए लिखा है कि प्रिय मम्मा, आप दुनिया की सबसे अच्छी मां हो। मुझे खेद है कि मैं बहादुर नहीं बन सका। इस स्कूल ने मुझे मार डाला है। मैं इस नफरत भरी दुनिया में नहीं रह सकता। मैंने जीने की पूरी कोशिश की, लेकिन लगता है कि जिंदगी को कुछ और चाहिए। लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं, इस पर विश्वास न करें। आप सबसे अच्छी हो।

इसके साथ ही छात्र ने यह भी लिखा कि परिवार को मेरी शारीरिक मनोदशा और मेरे साथ जो हुआ उसके बारे में बताना। कौन क्या कहते हैं परवाह मत करो। अगर मैं मर जाऊं तो अपने लिए एक नई नौकरी ढूंढ़ लेना। आप कलाकर हो इसे जारी रखना। आप फरिश्ता हैं, आपको इस जन्म में पाकर मैं धन्य हूं। मैं मजबूत नहीं हूं, मैं कमजोर हूं , मुझे खेद है…। इस नोट के जरिए पुलिस ने स्कूल के प्रबंधन और हेड मिस्ट्रेस ममता गुप्ता पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है।

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