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जानिए कितनी संपत्ति के मालिक थे MDH वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी, संघर्षों से गढ़ा है जीवन

MDH मसाले के जन्मदाता धर्मपाल गुलाटी जी को भला कौन नहीं जानता। उन्होंने अपनी मेहनत और हौसलों के दम पर एक बड़ा मुकाम हासिल किया था। धर्मपाल गुलाटी जी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया था लेकिन वह अपनी मेहनत से कई फैक्ट्री के मालिक और एमडीएच के मालिक बन गए। मसालों की दुनिया में उनका एक बड़ा नाम है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो धर्मपाल गुलाटी जी को ना जानता हों। धर्मपाल गुलाटी जी ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने मसाले को बेचकर एक बहुत बड़ा नाम कमाया है।

आपको बता दें कि 3 दिसंबर 2020 को 97 वर्ष की आयु में मसालों की दुनिया में अपना एक अलग नाम बना चुके धर्मपाल गुलाटी जी का निधन हो गया था। धर्मपाल गुलाटी जी का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। मसाला किंग के नाम से मशहूर धर्मपाल गुलाटी जी ने अपने जीवन में अपनी मेहनत और लगन से जो सफलता हासिल की है, उसकी कहानियां आज भी लोगों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

धर्मपाल गुलाटी जी दादाजी, मसाला किंग, किंग ऑफ स्पाइसेज और महाशयजी के नाम से मशहूर हुए। 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे धर्मपाल गुलाटी जी का बचपन गरीबी में व्यतीत हुआ था। उनके पिताजी ने सियालकोट में मसालों की दुकान की थी। घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि धर्मपाल गुलाटी जी को बचपन में अपनी पढ़ाई तक छोड़नी पड़ गई थी। भले ही उन्होंने पढ़ाई नहीं की, लेकिन हर काम में वह निपुण जरूर थे।

मसालों के किंग के नाम से मशहूर महाशय धर्मपाल गुलाटी जी के पिता चुन्नीलाल बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान दिल्ली आ गए थे। जहां पर उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा था। यहां उन्होंने मसालों की छोटी सी दुकान खोली थी। मसालों का व्यापार उनका पुश्तैनी था। इतना ही नहीं बल्कि धर्मपाल गुलाटी जी ने अपने संघर्षों के दिनों में तांगा भी चलाया था।

इस तरह से वह अपने परिवार का पेट पालते थे। धर्मपाल गुलाटी जी के पिताजी ने उनसे दुकान में बैठने को कहा और यही काम आगे आगे बढ़ाने की बात कही थी, जिसपर धर्मपाल गुलाटी जी भी मान गए और तांगा का काम बंद करके वह दुकान पर आ गए।

आपको बता दें कि 1952 में धर्मपाल गुलाटी जी ने दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में एक दुकान खरीदी थी और इसी दुकान से उन्होंने मसालों की बिक्री शुरू की थी। वह लगातार मेहनत करते रहे और उनको दिन पर दिन सफलता मिलती गई। धीरे-धीरे इनकी दुकान का नाम मशहूर हो गया। अपनी मेहनत से इन्होंने खूब पैसा कमाया, जिसके बाद उन्होंने मसालों की एक फैक्ट्री लगाई और धीरे-धीरे वह मसालों की दुनिया में किंग के नाम से मशहूर हो गए।

अगर हम धर्मपाल गुलाटी जी की कुल संपत्ति के बारे में बात करें तो साल 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मपाल गुलाटी जी की नेट वर्थ 213 करोड रुपए बताई गई थी। धर्मपाल गुलाटी जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जो धर्म-कर्म पर काफी विश्वास रखते थे। वह समाज सेवा और दान पुण्य जैसे कार्य करते रहते थे और ढेर सारा पैसा भी दान दिया करते थे।

धर्मपाल गुलाटी जी ने अपने पिताजी के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट भी चलाया है और वह ट्रस्ट एक 250 बेड वाला अस्पताल चलाता है, जिसमें गरीब परिवारों को मुफ्त में इलाज मिलता है। इतना ही नहीं बल्कि इसी ट्रस्ट में एक स्कूल भी बनवाया, जिसमें गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। महाशय जी बहुत से सामाजिक कार्य करते रहते थे, जिनमें उन्होंने अस्पताल, स्कूल और सेवा संस्थान भी बनवाए। जहां मजबूर लोगों की सहायता नि:शुल्क की जाती है।

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