धार्मिक

मानसिक शांति से लेकर अच्छी सेहत तक पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाने से होते हैं ये 5 फायदें

हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके अंदर कई देवी देवता वास करते हैं। यही वजह है कि हिंदू धर्म में इस पेड़ की पूजा होती है। इस पूजा के साथ कई लोग पीपल के पेड़ की परिक्रमा भी लगाते हैं। यह परिक्रमा पीपल के पेड़ के चारों तरफ बाहिनी ओर से घूमकर लगाई जाती है। कुछ लोग इस परिक्रमा को ‘प्रदक्षिणा करना’ भी कहते हैं। पीपल के पेड़ की परिक्रमा लगाने का यह नियम बहुत प्राचीन है। इसे सदियों से लोग करते आ रहे हैं। आप में से भी कई लोगों ने पीपल की परिक्रमा लगाई होगी। ऐसे में आज हम आपको पीपल की परिक्रमा लगाने के लाभ बताने जा रहे हैं।

1. स्कन्द पुराण के अनुसार पीपल के पेड़ की कम से कम 108 बार परिक्रमा करना चाहिए। इस पेड़ में ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए दिन में इसकी छाया में बैठने से आरोग्यवर्धक वातावरण का लाभ मिलता है। इस वातावरण में आपके वात, पित्त और कफ का शमन-नियमन होता है। ये पेड़ इन तीनों की स्थिति में संतुलन बनाए रखता है।

2. पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करने से दिमाग शांत रहता है। इससे आपको मानसिक शांति मिलती है। यदि आप डिप्रेशन में हैं या हमेशा टेंशन और गुस्से में रहते हैं तो दिमाग की स्थितरता के लिए पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना और उसके नीचे बैठना फायदेमंद होता है।

3. पीपल के वृक्ष की रोजाना 3 बार परिक्रमा करने और जल चढ़ाने से गरीबी, दुख और दुर्भाग्य दूर होते हैं। इसकी नित्य पूजा करने से घर में धन की स्थिति मजबूत होती है। इसके रोज दर्शन मात्र से लंबी उम्र प्राप्त होती है। इस बात का जिक्र महर्षि शौनक ने अश्वत्थोपनयन व्रत के संदर्भ में किया था।

4. यदि आप शनि की पीड़ा से ग्रसित हैं तो यह उपाय करें। शनिवार की अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा कर सात परिक्रमा करें। इस दौरान आपके हाथ में काला तिल और सरसों वाला तेल का प्रज्वलित किया हुआ दीपक होना चाहिए। इसके अलावा अनुराधा नक्षत्र वाली शनिवार की अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करने से भी शनि पीड़ा से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती है।

5. जीवन में बहुत संकट और दुख हो तो यह उपाय करें। श्रावण मास में अमावस्या की समाप्ति पर पीपल के पेड़ के नीचे शनिवार के दिन हनुमानजी की पूजा करें। पूजा समाप्त होने पर पीपल के वृक्ष की परिक्रमा लगाएं। आपके सभी संकट दूर हो जाएंगे।

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