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रांग नंबर वाले से पट गई अमरीन, सनातन धर्म अपना बनी राधिका, हिंदू रीति रिवाजों से की शादी

कहते हैं प्यार धर्म और महजब की दीवार नहीं देखता है। जब दो दिल आपस में मिलना चाहते हैं तो फिर उन्हें दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। भारत में दूसरी जाति में शादी करना ही बड़ा मुश्किल टास्क होता है। ऐसे में यदि कोई दूसरे धर्म के शख्स को जीवनसाथी चुन ले तो उसके परिजन बौखला जाते हैं। फिर वह इस शादी को रोकने की हर संभव कोशिश करते हैं। लेकिन प्यार करने वाले भी कहां हार मानते हैं। वह अपने इश्क को मुकम्मल करते ही दम लेते हैं।

मुस्लिम लड़की को हुआ हिंदू लड़के से इश्क

दो अलग-अलग धर्म से जुड़ी ऐसी ही एक प्रेम कहानी उत्तर प्रदेश के बरेली में देखने को मिली। यहां बिजनौर के कुलारकी की रहने वाली मुस्लिम लड़की अमरीन को पप्पू नाम के हिंदू लड़के से इश्क हो गया। ऐसे में दोनों ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में जाकर शादी कर ली। हालांकि शादी से पहले अमरीन ने सनातन धर्म अपनाया। और अमरीन से राधिका बन गई।

पप्पू और अमरीन (अब राधिका) की प्रेम कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इस लव स्टोरी की शुरुआत एक रांग नंबर से हुई थी। अमरीन के पास एक दिन पप्पू का कॉल आया था। यह रांग नंबर था। फोन गलती से लग गया था। लेकिन फिर इनकी आए दिन बातचीत होने लगी। पहले दोस्ती हुई। लेकिन जनाब एक लड़का लड़की आखिर कब तक दोस्त बनकर रहते। इसलिए दोनों में प्यार हो गया। बात शादी तक आ पहुंची। लेकिन धर्म और मजहब बीच में रोड़ा बन गया।

सनातन धर्म अपनाकर लिए 7 फेरे

अमरीन के घर वाले ये कतई नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक हिंदू लड़के से शादी करे। वह इस शादी के सख्त खिलाफ थे। लेकिन अमरीन भी हार मानने वालों में से नहीं थी। वह घर से भाग गई। फिर उसने सनातन धर्म अपनाया और राधिका बन गई। इसके बाद अगस्त्य मुनि आश्रम में अपने प्यार यानि पप्पू संग हिंदू रीति रिवाजों से शादी रचा ली।

हालांकि शादी के बाद आश्रम के पंडित केके शंखधार ने पुलिस से इस नव विवाहित जोड़े की सुरक्षा की मांग की है। उन्हें शक है कि लड़की के परिजन से इन्हें खतरा हो सकता है। अमरीन का कहना है कि उसकी शुरू से ही हिंदू धर्म में आस्था रही है। वह इस धर्म की ओर हमेशा से आकर्षित रही है। इसलिए उसने अपना शुद्धिकरण कराकर हिंदू धर्म अपना लिया। अब हर कोई उसे राधिका के नाम से जानेगा।

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