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दहेज मांगने और पशु तस्करों के लिए काल हैं ACP श्वेता श्रीवास्तव, गृहमंत्री पदक से होगी सम्मानित

हर साल 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 15 अगस्त 2021 को भारत अपना 75वां स्वतंत्र दिवस मना रहा है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसकी वजह से देश के सामने आर्थिक संकट सबसे बड़ी समस्या बन कर आई है। 15 अगस्त को हम उन महान योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को स्मृति का सम्मान करते हैं जिन्होंने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

15 अगस्त 1947 को भारत के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। इसी दिन देश के आजाद होने पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर झंडा फहराया था। आपको बता दें कि इस बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2021 की थीम “फर्स्ट नेशन ऑलवेज फर्स्ट” रखी है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। पीएम मोदी दिल्ली के लाल किले पर केवल झंडा फहराने के लिए जाएंगे।

बता दें यूपी के लखनऊ के गोमती नगर की एसीपी श्वेता श्रीवास्तव को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। उनको केंद्रीय गृहमंत्री विवेचना उत्कृष्टता पदक के लिए चुना गया है। देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश से इस पदक के लिए सिर्फ 10 पुलिसकर्मियों को चुना गया है। श्वेता श्रीवास्तव के अलावा यूपी की नीता रानी, मुकेश कुमार सिंह, अखिलेश कुमार मिश्रा, घनश्याम शुक्ल, अशोक कुमार, संजय नाथ तिवारी, अरुण कुमार पाठक, सुनील कुमार और राम प्रकाश यादव का नाम शामिल है।

आपको बता दें कि उत्कृष्ट विवेचना के लिए गृह मंत्री के पदक की स्थापना साल 2018 में की गई थी। उसमें अपराधिक मामलों की जांच में उच्च प्रोफेशनल मानकों को ध्यान में रखकर अपराधी को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले विवेचना अधिकारी को सम्मानित करना है।

आपको बता दें कि एसीपी श्वेता श्रीवास्तव को यह पदक दहेज प्रताड़ना और पशु तस्करी के मामले में दो दर्जन से अधिक आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए दिया जा रहा है। एसीपी श्वेता श्रीवास्तव मूल रूप से गोरखपुर की रहने वाली हैं और श्वेता श्रीवास्तव 2007 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह लखनऊ में एसीपी गोमती नगर के पद पर तैनात हैं।

श्वेता श्रीवास्तव में मिर्जापुर, रायबरेली और बाराबंकी में बतौर सीओ सिटी तैनात रहते दो दर्जन से अधिक दहेज प्रताड़ना, पशु तस्करी और ठगी के मामले की विवेचना की। उन्होंने इस मामले में आरोपियों को जेल पहुंचाया। विवेचना में इतने साक्ष्य उन्होंने प्रस्तुत किए की जालसाजी और पशु तस्करी के मामलों में आरोपियों को सुमित सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत नहीं मिल पाई।

उन्होंने मिर्जापुर में सीओ एंटी नक्सल के रूप में नक्सलवादियों को भी जेल पहुंचाया। इसके साथ ही रास्ते पर लाने के लिए घर वापसी का अभियान भी उन्होंने शुरू किया था। एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव साल 2020 में दर्जनभर दहेज, जालसाजी, पशु तस्करी और हत्या के मामले की विवेचना कर रही थीं और इस विवेचना में उन्होंने चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल किया। उन्होंने सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान की कड़ियों को सही से पिराया और आरोपियों को सजा दिलवाई। श्वेता श्रीवास्तव के विवेचना में आरोपियों के बचने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बचा था।

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