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बेटी ने अपनी मेहनत और लगन से पिता के सपने को किया सच, थल सेना में अफसर बन दी सच्ची श्रद्धांजलि

आजकल के समय में बेटियां बेटों से कम नहीं हैं। लड़कियां कई क्षेत्रों में अपने परिवार वालों के साथ-साथ देश का नाम रोशन कर रही हैं। मौजूदा समय में लड़का और लड़की में कोई भी फर्क नहीं है। आज हम आपको फादर्स डे के मौके पर एक ऐसी बेटी के बारे में बताने वाले हैं जिसने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया है। अगर बेटी सेना की वर्दी पहनकर पिता के सामने आए तो इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है परंतु आगरा में एक पिता को यह तोहफा मरने के बाद प्राप्त हुआ है।

आज हम आपको जिस बेटी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं उसका नाम रिचा पाराशर है जिसने अपने पिता के सपने को ही अपना लक्ष्य बना लिया और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से थल सेना में भर्ती हो कर दिखाया। जब रिचा अपने पिताजी की तस्वीर के सामने पहुंची तो उसके चेहरे पर अपने पिताजी के सपने को पूरा करने की मुस्कान थी और आंखों में पिता के दूर जाने का दुख भी था लेकिन रिचा को खुशी इस बात की थी कि उन्होंने अपने पिताजी के सपने को सच कर दिखाया है।

आपको बता दें कि रिचा पाराशर कमला नगर निवासी हैं और मई में भारतीय थल सेना में अफसर के पद पर उनका चयन हुआ है। पिताजी हमेशा से यही चाहते थे कि उनकी बिटिया सेना में ऑफिसर बने। बता दें कि रिचा के पिताजी बृजेश पाराशर पुलिस विभाग में हेड ऑपरेटर थे और उनकी तबीयत खराब चल रही थी जिसके चलते साल 2004 में बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया था। उस समय के दौरान रिचा के उम्र सिर्फ सात-आठ साल की रही होगी।

रिचा ने बचपन में ही अपने पिताजी के मुंह से यह सुना था कि सेना में अफसर बनकर देश की सेवा करनी है। बस रिचा ने अपने पिताजी के इसी सपने को पूरा करने का ठान लिया और जमकर मेहनत में जुट गईं। रिचा के ताऊ राकेश पराशर जी का ऐसा कहना है कि उनके छोटे भाई के रिचा में जान बसती थी। जब बेटी ने जन्म लिया था तो उनके छोटे भाई का यह सपना था कि उनकी बेटी सेना में अफसर बने। रिचा ने अपने पिताजी के इस सपने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर इसे हासिल कर लिया है।

आपको बता दें कि रिचा ने सेंट कानरेड्स इंटर कॉलेज से 12वीं और आगरा कॉलेज से एमफिल की है। उन्होंने एनसीसी विशेष भर्ती के तहत मात्र 5 रिक्तियों में पूरे भारत में तीसरा स्थान हासिल किया था। बता दें कि 29 मई को पासिंग आउट परेड में रिचा ने अपनी मेहनत और लगन से दो स्वर्ण पदक और श्रेष्ठता पत्र हासिल किया है।

रिचा पाराशर की माताजी मीरा का ऐसा बताना है कि रिचा के लक्ष्य को पूरा करने में आगरा कॉलेज की डॉ रीता निगम और कर्नल गुरविंदर सिंह सिद्धू का बहुत सहयोग प्राप्त हुआ है। रिचा ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर हौसले बुलंद हो और मेहनत के साथ आगे बढ़ा जाए तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त करना कठिन नहीं है। इस बेटी में अपने पिता के अधूरे सपने को सच कर दिखाया है।

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