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भाई बहन की इस जोड़ी ने 10 लाख रुपये में शुरू किया बिज़नेस, आज कमा रहे हैं करोड़ों

यदि अपने सपनों को साकार करने की ठान लो सही दिशा में काम करना शुरु कर दो तो बेहतर परिणाम तक आप जरूर पहुंच सकते हो। सच्ची मेहनत और लगन कभी बेकार नहीं जाती। जिनके दिलों में कुछ कर दिखाने का जज्बा होता है वो विपरित परिस्थिति को भी वो अपने अनुकुल कर लेते हैं। इस बात को सच कर दिखाया है एक भाई-बहन की जोड़ी ने।

‘द मेसी कार्नर’ की शुरुआत की

जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं वो है मुंबई के रहने वाले आयुष पोद्दार और उनकी बहन आंचल पोद्दार। इस भाई-बहन की जोड़ी को पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए एक अनोखा आईडिया दिमाग में आया। अपने सपने को साकार कर दिखाने के लिए उद्देश्य से आंचल और आयुष ने मुंबई में ईकॉमर्स स्टार्टअप ‘द मेसी कार्नर’ नाम से कंपनी शुरू की। आंचल और आयुष ने बचत कर करीब 10 रुपये निवेश करके इस बिजनेस को शुरू किया।

इस उद्देश्य से शुरू की कंपनी

इस मकसद से मिलते साल 2015 में आयुष और आंचल ने द मेसी कॉर्नर की शुरुआत की थी। इस कंपनी के खोलने के उद्देश्य पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट समय से उपलब्ध कराना और सही रेट व अच्छी क्वालिटी लोगों तक पहुंचाना। दरअसल, कई सालों पहले ही देश में पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। इसे बनाने वालों को संख्या कम होने के चलते इनकी कीमतें भी ज्यादा थी। ऐसे में हर वर्ग के लोग पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट नहीं खरीद पाते थे। ऐसे में इस भाई-बहन की जोड़ी ने सही रेट में अच्छी क्वालिटी का पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘द मेसी कार्नर’ की शुरुआत की।

कोरोना महामारी में बेचीं ये चीजें

पर्सनलाइज़्ड गिफ्टिंग स्टार्टअप ‘द मेसी कार्नर’ ट्रेवल और लाइफस्टाइल के आइटम के लिए मशहूर है। कोरोनवायरस महामारी के बीच द मेसी कार्नर ओर फेस मास्क और यूवी स्टरलाइज़र भी मिलने लगे थे। आयुष और आंचल का दावा है कि स्टार्टअप ने फाइनेंशियल ईयर 2015 में 6 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था।

इस वजह से रखा ‘द मेसी कार्नर’ नाम

कंपनी का नाम रखने के पीछे की वजह बताते हुए आंचल ने बताया कि, ‘हमने अपने घर के कोने से ही इस स्टार्टअप को शुरू किया है। हमारी माँ कमरे की सफाई के लिए हम पर चिल्लाती रहती थी और हम कोशिश करते थे, लेकिन मिनटों में फिर से सब गड़बड़ हो जाता था। इसलिए हमने कंपनी का नाम ‘द मेसी कार्नर’ रखने का निर्णय लिया।’ उन्होंने बताया कि पूरे दिन आंचल और आयुष बिजनेस पार्टनर और रात में भाई-बहन रहते हैं।

दोनों ने ली मार्केटिंग में डिग्री

33 साल के आयुष ने मुंबई यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग में एमबीए किया है. उन्होंने करीब 10 साल टेक्सटाइल के फैमिली बिजनेस का मैनेजमेंट संभाला। दूसरी ओर आंचल ने ब्रिटेन के बाथ विश्वविद्यालय से मार्केटिंग में मास्टर्स की डिग्री ली है।

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