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जब अरुण गोविल को सच में राम मानने लगी महिला, पैरों में अपना बच्चा रख बोली- बीमार है इसे बचा लो

रामानंद सागर का मशहूर सीरियल “रामायण” दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया था। रामायण ने जो इतिहास रचा है, वह शायद ही कोई दूसरा सीरियल रच पाएगा। रामानंद सागर ने रामायण को पर्दे पर इस प्रकार से दर्शाया है कि आज भी लोगों के जेहन में बसे हुए हैं। रामायण में नजर आने वाले हर एक कलाकार को फैंस उनके नाम से नहीं बल्कि उनके किरदार के नाम से आज भी जानते हैं।

जब देशभर में कोरोना वायरस संकट मंडराया तो लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया। लॉकडाउन के दौरान लोग अपने घरों में ही कैद थे और मनोरंजन के नए साधन खोज रहे थे। खाली समय काटना सबके लिए काफी मुश्किल हो रहा था।

इसी बीच लॉकडाउन में रामानंद सागर की “रामायण” को दोबारा दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया और इस बार भी इस सीरियल ने टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हर कोई लॉक डाउन के दौरान टीवी पर रामायण ही देख रहा था।

रामायण में सभी कलाकारों ने अपना अपना किरदार इतने बेहतरीन तरीके से निभाया है कि लोग आज भी उनके असली नामों से नहीं बल्कि उनके किरदारों के नाम से जानते हैं और उनको उसी नाम से बुलाते हैं।

इससे जुड़ा हुआ एक बेहद दिलचस्प किस्सा इस धारावाहिक में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू के दौरान साझा किया था।

आपको बता दें कि रामायण के “राम” यानी अभिनेता अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू के दौरान बीते दिनों को याद करते हुए एक किस्सा साझा किया था। अरुण गोविल ने कहा कि “मैं एक बार सेट पर टी-शर्ट पहने हुए बैठा था। उस वक्त एक महिला गोद में बच्चा लिए वहां आई और श्री राम कहां है? लोगों से पूछने लगी।”

अरुण गोविल ने इंटरव्यू के दौरान आगे बताया कि “सेट के लोगों ने उस महिला को मेरे पास भेज दिया। पहले तो वह मुझे देखती रही, उसके बाद उसने अपना बच्चा मेरे पैरों में रख दिया। वह मुझसे कहने लगी कि मेरा बच्चा बीमार है, इसे बचा लो।”

अरुण गोविल ने आगे बताया कि “मैं यह सब देखकर काफी घबरा गया था। मैंने उनसे कहा आप यह क्या कर रही हो। इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। इसे लेकर आप किसी डॉक्टर के पास जाइए। फिर मैंने उस महिला को थोड़े पैसे दिए, जिसके बाद वह वहां से चली गई।”

अरुण गोविल ने आगे कहा कि “इसके 3 दिन बाद वह महिला अपने बच्चे को लेकर मेरे पास फिर आई। वह बच्चा स्वस्थ लग रहा था। मुझे उसके बाद समझ में आ गया कि भगवान से सच्चे मन से कुछ भी मांगो, तो वह जरूर मिलता है।” अरुण गोविल ने इंटरव्यू में बताया कि “जब वह महिला अपने बच्चे को बीमारी की हालत में मेरे पास लाई थी, उस वक्त मैंने उसके अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की थी।”

बताते चलें कि 1987 में पहली बार रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया और इस धारावाहिक का प्रभाव इतना तेज था कि उसकी यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। इस धारावाहिक के बाद कई बार रामायण के सीरियल बने परंतु उनमें वह पुरानी वाली बात देखने को नहीं मिली। आज भी रामानंद सागर की “रामायण” दर्शक देखना बहुत पसंद करते हैं।

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