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शौर्य चक्र सम्मानित बलविंदर संधू की कि गई हत्या, 1 साल पहले पंजाब सरकार ने वापस ली थी सुरक्षा…

शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह संधू की शुक्रवार को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। शुक्रवार को दो अज्ञात लोग बलविंदर सिंह संधू के घर आए और उन्हें गोली मारकर फरार हो गए। बलविंदर सिंह संधू को सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई थी। लेकिन तरन तारन पुलिस की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा एक वर्ष पहले संधू की सुरक्षा वापस ले ली गई थी। आपको बता दें कि इन्होंने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद से मुकाबला किया था। जिसकी वजह से इन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

बलविंदर सिंह संधू की हत्या पर पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने संधू को चार गोलियां मारी हैं। ये हमले के समय अपने भीखीविंड गांव स्थित घर से लगे दफ्तर में थे। हमलावर हमला करने के बाद फरार हो गए। वहीं परिवार वालों संधू को तुरंत अस्पताल ले गए थे। लेकिन वहां पर उनकी मौत हो गई। डीजीपी ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र लगे एक सीसीटीवी की फुटेज में दिखा है कि दो अज्ञात हमलावर संधू के मकान पर पहुंचे और उनमें से एक ने संधू पर बेहद नजदीक से गोली चलाई। जिस वाहन पर ये आए थे उसका पता चल गया है।

परिवार पर भी है खतरा

बलविंदर सिंह संधू के भाई रंजीत ने कहा कि उनका पूरा परिवार आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। तरन तारन पुलिस के कहने पर ही राज्य सरकार ने सुरक्षा वापस ले ली गई थी। बलविंदर की पत्नी जगदीश कौर ने कहा कि ये ‘आतंकवादियों का काम है, हम लोगों की किसी से निजी शत्रुता नहीं है। परिवार ने हमेशा आतंकवादियों के खिलाफ मुकाबला किया। आतंकवादियों ने हम पर 62 हमले किए थे। हमने डीजीपी दिनकर गुप्ता से सुरक्षा के लिए बात की थी। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। सभी मिन्नतें बेकार गई।

इस हमले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बयान जारी कर अपना शोक व्यक्त किया और हत्या की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी हत्या की जांच करेगी। सभी संभावनाओं पर गौर किया जाएगा आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।

कई बार किया गया था हमला

केंद्र सरकार ने 1993 में संधू को शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें प्रदान किए गए शौर्य चक्र के प्रशस्तिपत्र में कहा गया था ‘बलविंदर सिंह संधू और उनके भाई रंजीत सिंह संधू आतंकवादी गतिविधियों के विरोध में रहे। वे आतंकवादियों के निशाने पर थे। आतंकवादियों ने लगभग 11 महीनों में संधू के परिवार को समाप्त करने के 16 प्रयास किए। आतंकवादियों ने उन पर 10 से लेकर 200 के समूह में हमला किया। लेकिन हर बार संधू भाइयों ने अपनी बहादुर पत्नियों जगदीश कौर संधू और बलराज कौर संधू की मदद से आतंकवादियों के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल किया।

संधू कई साल राज्य में आतंकवाद के खिलाफ लड़े थे। पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद जब चरम पर था, उस समय इन पर कई आतंकवादी हमले किए गए थे। लेकिन इस बार आतंकवादी अपने हमले में कामयाब रहे।

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