विशेष

पहले थे साधारण गणित टीचर और स्टूडेंट, एक APP ने इन्हे बना दिया भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति

फोर्ब्स द्वारा कुछ समय पहले भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट (2020) जारी की गई। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी 37.3 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ सबसे अमीर भारतीय रहे। इसी लिस्ट में सबसे कम उम्र के दो अमीर व्यक्ति बायजू रवींद्रन (39, Byju Raveendran) और दिव्या गोकुलनाथ (34, Divya Gokulnath) के नाम भी शामिल थे। इनकी कुल संपत्ति 3.05 बिलियन डॉलर यानि 22.3 हजार करोड़ रुपए रुपए है।

इस ऐप से बने अरबपति

39 वर्षीय बायजू रवींद्रन पहले एक गणित ट्यूटर थे, उन्होंने 2011 में ऑनलाइन एड-टेक कंपनी की नीव रखी थी। वे एक टैक्नोलॉजी उद्यमी एवं भारत की लोकप्रिय लर्निंग ऐप BYJU’s के CEO हैं। इस कंपनी के इन्वेस्टर्स में मार्क जुकरबर्ग और टेनसेंट जैसे लोग शामिल है। जनवरी 2020 में इसकी अंतिम फंडिंग राउंड की कीमत 8 अरब डॉलर थी। 42 मिलियन डाउनलोड वाले BYJU ऐप का उद्देश्य क्लास 1 से 12 तक के बच्चों को एजुकेशन देना है।

पहले थे गणित ट्यूटर

रवींद्रन ने इंजीनियरिंग कर रखी है। वे दोस्तों को गणित पढ़ाया करते थे। उन्होंने कैट 2003 में 100% स्कोर किया था। इसके बाद वे फूल टाइम टीचर बने। जब स्टूडेंट्स बढ़ने लगे तो उन्होंने सेटेलाइट कॉम्युनिकेशन से क्लास लेना शुरू कर दिया। फिर 2015 में उन्होंने अपना ऑनलाइन क्लास का एप लॉन्च किया। इसक लिए उन्होंने थिंक एंड लर्न की स्थापना की। वे स्टार्टअप कटैगरी में ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड  2018 भी जीत चुके हैं।

स्टूडेंट ही बनी पत्नी और कंपनी की को-फाउन्डर

रवींद्रन की पत्नी दिव्या गोकुलनाथ BYJU की को-फाउन्डर हैं। वे भी महज 34 वर्ष की उम्र में अरबपति बन गई। दिलचस्प बात ये है कि वे पहले रवींद्रन की स्टूडेंट ही थी लेकिन अब उन्हीं की कंपनी चलाने में हेल्प करती हैं। वे बेंगलुरु में आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग स्नातक हैं। वे मास्टर के लिए विदेश जाना चाहती थी। इसके लिए उन्हें जीआरई क्रैक करना थी। इसी चक्कर में गणित सुधारने के लिए उन्होंने बायूज रवींद्रन की क्लास ज्वाइन की थी। इसके बारे में उन्होंने एक दोस्त से सुन रखा था।

दिव्या बताती है कि जब मैंने जीआरई परीक्षा दी तो रवींद्रन को ये बात बताई और कहा कि मैं रिजल्ट का इंतजार कर रही हूं। हालांकि उन्होंने सलाह दी कि मुझे दूसरों को पढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे में मैं मैथ्स, अंग्रेजी और रीज़निंग की कई क्लासेस लेने लगी। फिर जब रिजल्ट आए तो पता चल कि अमेरिका में कुछ विश्वविद्यालयों के लिए सेलेक्ट हो गई लेकिन मैंने वहीं रहने का निर्णय लिया।

यह प्रेरणादायक स्टोरी पसंद आई हो तो इसे शेयर करना न भूले।

Related Articles

Back to top button