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ऑटो चालक के बेटे ने परिवार का सपना किया पूरा, मुश्किलों को मात देकर बना IAF फ्लाइंग ऑफिसर

हर इंसान सपने अवश्य देखता है और सभी अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। वैसे देखा जाए तो अपने सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं है क्योंकि जीवन में बहुत सी कठिनाइयां आती हैं जिनको अगर व्यक्ति पार कर लेता है तो वह अपने सपने के करीब जाता रहता है परंतु जो लोग कठिनाइयों के आगे घुटने टेक देते हैं वह अपने सपने को साकार करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो राह कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ वह मायने नहीं रखती हैं।

आप सभी लोगों ने ऐसे बहुत सी मिसालें देखी और सुनी होंगी, जिनमें लोग कठिन संघर्ष करने के बाद अपना सपना साकार करते हैं। लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या आर्थिक दिक्कत है परंतु इसके बावजूद भी कुछ लोग हर शिखर तक पहुंच जाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे ऑटो चालक के बेटे के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें अपने बुलंद हौसलों के दम पर अपने पूरे परिवार का सपना साकार किया है। जी हां, ऑटो ड्राइवर का बेटा अपनी कठिन मेहनत के बलबूते इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बना है।

दरअसल, हम आपको जिस ऑटो ड्राइवर के बेटे के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं उसका नाम गोपीनाथ है, जो इंडियन एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बन गए हैं। गोपीनाथ विजाग के रहने वाले हैं और उन्होंने हैदराबाद में हुई सैरेमनी में फ्लाइंग ऑफिसर की डिग्री प्राप्त की है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गोपीनाथ ऐसा बताना है कि वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।

गोपीनाथ ने बातचीत के दौरान यह बताया कि उनके पिताजी 25 वर्षों तक ऑटो चला कर ही अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करते आ रहे हैं। ऑटो चलाने से घर और बच्चे की पढ़ाई का खर्च निकाल पाना बहुत मुश्किल हो रहा था परंतु इसके बावजूद भी गोपीनाथ के पिताजी ने हिम्मत नहीं हारी और वह अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दिलाने की कोशिश में लगे रहे, जिसका परिणाम आज सबके सामने आ चुका है। गोपीनाथ का ऐसा कहना है कि उनके माता-पिता ने उनके लिए बहुत कुछ किया है और वह अब उनके लिए करना चाहते हैं।

आपको बता दें कि गोपीनाथ के पिताजी चाहते थे कि वह इंजीनियर बने लेकिन उन्होंने अपने दादाजी की तरह फोर्स में जाने की ठान ली थी। गोपीनाथ के दादा जी इंडियन आर्मी में कार्यरत थे और सबसे बड़ी खास बात यह है कि गोपीनाथ तेलुगु स्टेट से चुने गए इकलौते कैंडिडेट हैं। पहले वह एयर फोर्स में बतौर एयरमैन ज्वाइन हुए थे परंतु उनका सपना था कि वह फ्लाइंग ऑफिसर बने, जिसके लिए वह डिस्टेंस से पढ़ाई भी करते रहे थे और साथ-साथ वह अपना काम भी करते रहे। अपने सपने को पूरा करने के लिए यह जी जान से तैयारी में जुट गए।

गोपीनाथ यह अच्छी तरह जानते थे कि उनके पिताजी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और उनके पास पैसे भी नहीं है। उनके पिताजी काफी मेहनत करके अपने परिवार का गुजारा चलाते हैं। इसी वजह से गोपीनाथ ने सिर्फ अपना फोकस पढ़ाई पर ही रखा। बहन गौरी का ऐसा बताना है कि उन्हें अपने भाई की काबिलियत पर पूरा भरोसा था। बहन ने बताया कि जब भाई ने विजाग डिफेंस कॉलेज में दाखिला लिया था तभी से उन्हें विश्वास था कि एक दिन फ्लाइंग ऑफिसर जरूर बनेंगे। गोपीनाथ की सफलता से सबसे ज्यादा खुशी उनके पिताजी को हुई है।

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