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पति ने पूरी की अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा, महाकाल मंदिर में जाकर भेंट किया 17 लाख के जेवर

पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। शादी के सात फेरों के साथ ही दोनों जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने का वचन देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पति-पत्नी का रिश्ता नाजुक डोर से बंधा होता है, जिसको मजबूत करने की जिम्मेदारी पति-पत्नी दोनों की ही होती है। पति-पत्नी जीवन भर एक-दूसरे का पूरा ख्याल रखते हैं और एक-दूसरे की इच्छा पूर्ण करने की हर संभव कोशिश करते हैं।

वैसे देखा जाए तो पति-पत्नी दोनों को ही एक दूसरे की इच्छा का ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि अपनों की अंतिम इच्छा पूरी करना ईश्वर की परम सेवा के समान है। इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें पति ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए महाकाल के मंदिर में 17 लाख रुपए कीमत के जेवर भेंट किए।

दरअसल, आज हम आपको जिस मामले के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मामला झारखंड (Jharkhand) से सामने आया है। यहां पर बोकारो निवासी संजीव कुमार ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी की है। बता दें कि संजीव कुमार की पत्नी का नाम रश्मि है। हाल ही में लंबी बीमारी की वजह से संजीव की पत्नी रश्मि का निधन हो गया था और उसने अपनी जिंदगी के अंतिम क्षणों में अपने पति के सामने अपनी आखिरी इच्छा जताई थी।

संजीव कुमार की पत्नी रश्मि ने अपने जीवन के अंतिम समय में यह कहा था कि उनके पास जो भी सोने-चांदी के जेवर हैं, उन्हें वह उज्जैन (ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर (shree mahakaleshwar temple) में चढ़ा दें। संजीव कुमार ने भी अपनी पत्नी की आखिरी इच्छा को पूरी करने का प्रण ले लिया और वह शनिवार के दिन अपनी मां सूरत प्यारी बाई के साथ महाकालेश्वर मंदिर में पहुंच गए। वहां पर उन्होंने करीब 17 लाख रुपए की कीमत के 310 ग्राम सोने के आभूषण मंदिर समिति को दे दिए।

संजीव कुमार ने महाकालेश्वर मंदिर में जाकर समिति को जो सोने के आभूषण सौपें थे, इसमें सोने का एक बड़ा हार 1 नग, छोटा हार 1 नग, 1 नाग माला, चूड़ी 2 नग, 2 नग कंगन, 4 नग (जोड़ा) कान के टॉप्स, 1 नग कुंडल, 1 एक नग अंगूठी शामिल है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधक समिति के प्रशासन गणेश कुमार धाकड़ ने दानदाता संजीव कुमार को श्रीफल और प्रसाद देकर सम्मान किया था। इसके साथ ही उन्होंने दान की रसीद भी उनको दी थी।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधक समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने यह बताया कि रश्मि प्रभा भगवान महाकालेश्वर की अनन्य भक्त थीं। वह अक्सर मंदिर दर्शन के लिए आया करती थीं और वह काफी लंबे समय से बीमार भी चल रही थीं। वही संजीव कुमार ने यह बताया कि उनकी पत्नी स्वर्गीय रश्मि प्रभा को भगवान महाकाल से काफी लगाव था। उनकी पत्नी ने महाकाल को अपने प्रिय जेवर अर्पित करने के बात कई बार बोली थी। उन्होंने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा को पूरा कर दिया है। संजीव कुमार ने अपनी मां के साथ महाकालेश्वर मंदिर में पहुंचकर जो भी जेवर थे, वह महाकाल के मंदिर में भेंट दे दिए।

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