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पेट काटकर हार्दिक-क्रुणाल को सिखाया क्रिकेट, पिता के त्याग की कहानी जानकर हो जाएंगे भावुक

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने अपने पिता को खो दिया है। खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि पांड्या ब्रदर्स के पिता हिमांशु पांड्या की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ। 16 जनवरी की सुबह जब हार्दिक पांड्या और क्रुणाल के पिता को दिल का दौरा पड़ा तो इसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनके पिता यह दुनिया छोड़कर चले गए थे। पिता के निधन की खबर सुनकर दोनों भाई पूरी तरह से टूट गए।

हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या के लिए वह दिन बहुत ही अशुभ रहा जब उनके पिता उनके बीच नहीं रहे। आपको बता दें कि पांड्या ब्रदर्स के पिता हिमांशु पांड्या ने वडोदरा में अंतिम सांस ली थी। जैसा कि सभी लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि वर्तमान समय में दोनों ही भाई भारतीय क्रिकेट में जाना पहचाना नाम है परंतु इनकी इस कामयाबी के पीछे उनके पिताजी का बहुत बड़ा हाथ रहा है।

यह दोनों भाई अपनी सफलता के पीछे अपने पिता के संघर्षों को हमेशा श्रेय देते रहे हैं। यह अपने पिता की अहमियत बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। पिता के त्याग के साथ साथ दोनों बेटों ने खूब मेहनत की और संघर्ष करते हुए यह मुकाम हासिल किया। जब यह दोनों भाई आईपीएल में चुने गए तब पिता के संघर्षों का इनाम इनको प्राप्त हुआ। हार्दिक पांड्या एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इन्होंने ऑलराउंडर खेल से सभी लोगों का दिल जीत लिया है जिसकी वजह से यह बहुत कम समय में ही टीम इंडिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण बन गए।

T20 या फिर टेस्ट मैचों के तीनों ही फॉर्मेट में उन्होंने अपने आपको साबित कर दिखाया। अब हार्दिक पांड्या भारतीय टीम का अहम हिस्सा बन चुके हैं। पांड्या की लाइफ़स्टाइल बेहद शानदार है। यह अपनी जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं परंतु यह सब कुछ हासिल करने के लिए उन्होंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है। कठिन परिस्थितियों को पार करते हुए अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह मुकाम पाया है।

हार्दिक पांड्या ने बहुत ही जल्द इस खेल में अच्छा खासा नाम कमाया है इन्होंने। अपने कमाल की बैटिंग और गेंदबाजी से हर किसी का दिल जीत लिया है आज हार्दिक पांड्या के पास किसी चीज की कमी नहीं है इनके पास ढेर सारा पैसा भी है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब इनको मैगी खा कर अपना पेट भरना पड़ता था इतना ही नहीं बल्कि यह उधार की किट से क्रिकेट खेलते थे। बहुत सी कठिनाइयों को पार करते हुए हार्दिक पांड्या ने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है।

आपको बता दें कि हार्दिक के पिता हिमांशु पांड्या गुजरात के सूरत में फाइनेंस का व्यापार करते थे। उन्हें 1998 में इसे बंद करना पड़ गया था जिसके बाद पूरा परिवार वडोदरा चला आया था। हार्दिक पांड्या के पिताजी हिमांशु पांड्या क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी लेते थे। आप ऐसा कह सकते हैं कि हार्दिक के पिताजी क्रिकेट के बहुत बड़े दीवाने थे। यह अपने दोनों बेटों को मैच दिखाने के लिए ले जाया करते थे। बस वहीं से दोनों भाइयों को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा मिली थी। इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी परंतु हिमांशु पांड्या ने अपने बेटों का पूरा साथ दिया और उन्होंने क्रिकेट सीखने के लिए बड़ोदरा में किरण मोरे क्रिकेट अकादमी में बेटों को भेजा। इसी जगह से हार्दिक पांड्या के क्रिकेटर बनने का सफर शुरू हो गया था।

एक इंटरव्यू के दौरान हार्दिक ने यह बताया था कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी जिसकी वजह से दिन में नाश्ता और डिनर में सिर्फ मैगी खा कर ही उनको अपना पेट भरना पड़ता था। पैसों की तंगी को देखते हुए हार्दिक पांड्या को इससे समझौता करना पड़ा। खाने के साथ-साथ क्रिकेट किट खरीदने के पैसे भी उनके पास नहीं थे। प्रैक्टिस करने के लिए वह अपने साथियों से किट मांग कर खेला करते थे। मेहनत और कोशिशों के बाद सफलता हासिल हुई और आखिर में आईपीएल में उनको चुना गया। जिसके बाद का रिजल्ट सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं।

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